आयोग का नोटिस जारी: कहीं सिट्टी पिट्टी गुम तो नहीं हो जाएगी कैलाश की

भोपाल। चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने और धन बांटने को लेकर मध्यप्रदेश के उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को नोटिस जारी किया। अब देखना यह है कि बड़े गुरूर के साथ बयान देने वाले कैलाश क्या अब भी अपने शब्दों लाइनों पर कायम रहेंगे।

भोपाल में 14 अक्टूबर को राजपूत सभा के एक कार्यक्रम में विजयवर्गीय के आदर्श आचार संहिता की आलोचना करने का संज्ञान लेते हुए आयोग ने कहा कि ऐसा कर उन्होंने आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों के लिए खुल्लमखुल्ला असम्मान प्रदर्शित किया है. आयोग ने उनसे 18 अक्टूबर तक जवाब देने को कहा है.

आयोग ने नोटिस में कहा, ‘‘आपने अपमानजनक टिप्पणी की है और आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों के प्रति खुल्लमखुल्ला असम्मान प्रदर्शित किया है. आप जिस उच्च संवैधानिक पद पर आसीन हैं, यह उसके भी अनुकूल नहीं है. अतएव, भारतीय चुनाव आयोग 18 अक्टूबर, 2013 की शाम पांच बजे तक आपसे यह स्पष्टीकरण देने को कहता है कि क्यों न आदर्श आचार संहिता के उपरोक्त उल्लंघन के लिए आपके खिलाफ कार्रवाई की जाए.’’

चुनाव आयोग ने कहा कि अगर वह निर्धारित समय सीमा के अंदर अपना जवाब नहीं देते हैं तो यह माना जाएगा कि उनके पास अपने बचाव में कहने को कुछ नहीं है और आयोग उपयुक्त कार्रवाई के लिए आगे बढ़ेगा.

आयोग ने मध्यप्रदेश और चार अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की चार अक्टूबर को घोषणा की थी तब से यह पहला आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला है.
मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, दिल्ली और मिजोरम में आदर्श आचार संहिता लागू हैं जहां विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं.

विजयवर्गीय पर ‘चुनरी यात्रा’ के दौरान ड्रम बजाने वालों को धन देने का भी आरोप है. ऐसा करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. सारथी नामक एक संगठन ने 11 अक्टूबर, 2013 को इस चुनरी यात्रा का आयोजन किया था.

उन पर विजय नगर में अगले साल अच्छा उद्योग भवन बनाने का वादा करने का भी आरोप है. यह भी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.

विजयवर्गीय ने 14 अक्टूबर को भोपाल में एक कार्यक्रम में कहा था, ‘‘ऐसी चुनाव आचार संहिता को तुम तुम्हारे पास रखो, मैं ऐसी आचार संहिता की ज्यादा चिंता नहीं करता. मैंने कह दिया चुनाव आयोग को, जो तुम्हें करना है करो, मैं ऐसी आचार संहिता को ठोकर मारता हूं.’’

इन शब्दों को बयां करने से पहले ही कैलाश विजयवर्गीय के ध्यान में रहा होगा कि आयोग का चाबुक जरूर चलेगा, सो नोटिस जारी हो भी गया, परंतु अब देखना यह है कि क्या कैलाश अपनी बात पर टिके रह पाते हैं, कहीं सिट्टी पिट्टी गुम तो नहीं हो जाएगी चौड़ी छाती वाले कैलाश की। 

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