ललित मुदगल, ब्यूरो शिवपुरी। भाजपा में अपने साख बढ़ाने और एक गोपनीय लाभ प्राप्त करने के लिए एक नायब तहसीलदार ने 40 दलित ग्रामीणों के वो पट्टे निरस्त कर दिए जिन्हें दिग्विजय सिंह सरकार के समय वितरित किया गया था।
नायब तहसीलदार शारदा पाठक ने अपनी रिपोर्ट में यह लिखा है कि जिन ग्रामीणों को दिग्विजय सिंह सरकार के समय पट्टे दिए गए थे वो इसके पात्र ही नहीं थे। श्री पाठक के अनुसार उनसे पूर्व हुईं तमाम प्रक्रियाएं गलत थीं और वो जो कर रहे हैं, वही सबसे उचित व सही है।
ग्राम बिलोकलां निवासी जुझर सिंह ने लिखित प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि ग्राम बिलोकलां के ग्रामीणजन जिन्हें दिग्विजय सरकार ने 31 मई 2005 को पट्टे दिए गए थे उनमें मुरारी पुत्र डोमा, रामरतन पुत्र मुरारी लाल जाटव, कल्याण पुत्र जगराम परिहार ने बताया कि हमें भूमि सर्वे नं.1211/1,1211/2,1211/3 के 5-5 बीघा जमीन के पट्टे मिले हुए है जिसको नायब तहसीलदार ने गरीब लोगों के पास 20 बीघा जमीन बताकर और अपात्र लोग बताकर उनके पट्टे निरस्तर कर दिए जबकि उन लोगों के पास उन पट्टे की जमीन के अलवा कोई अन्य भूमि नहीं है।
इन सभी ग्रामीणों का कहना है कि उनके साथ अन्याय हुआ है और उनकी गरीबी की हकीकत को भी नहीं जाना गया व बिना जांच परख किए उनके पट्टे निरस्त किए गए। अब दलित ग्रामीण न्याय की गुहार लगा रहे हैं। देखते हैं क्या कोई उनकी मदद करने आगे आता है।