भोपाल। विधानसभा की कार्यवाही शाम पांच बजे से आगे बढ़ाए जाने से नाराज विपक्ष ने बुधवार को सदन में हंगामा किया। कांग्रेस व बसपा विधायकों का आरोप था कि जानबूझकर समय बढ़ाया गया है। नाराज विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।
इसके बाद भी सदन की कार्यवाही जारी रही और विपक्ष की गैरमौजूदगी में 11 विधेयक बिना चर्चा के पारित हो गए। इन विधेयकों पर चर्चा के लिए 6 घंटे का समय तय किया गया था, लेकिन 20 मिनट में ही सारी प्रक्रिया पूरी हो गई।
इस दौरान सदन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत मंत्री व सत्तापक्ष के ज्यादातर विधायक मौजूद रहे। यह घटनाक्रम अनुपूरक बजट की चर्चा के ठीक बाद हुआ। गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता का मप्र धर्म स्वातंत्रय (संशोधन) विधेयक पारित होने के बाद ही विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने कार्यवाही का समय बढ़ाने की घोषणा कर दी। यह सुनकर कांग्रेस विधायक नाराज हो गए और हंगामा करने लगे।
उनकी मांग थी कि सदन की कार्रवाई शाम 5 बजे के बाद न चले और जो विधेयक या अन्य चर्चा हैं, वह गुरुवार को हों। जब इसके बाद भी कार्यवाही जारी रही तो नाराज कांग्रेस विधायक सदन से बाहर निकल गए। इसके बाद बसपा विधायक भी चले गए।
दिग्विजय सिंह के शासनकाल में भी रात 1.30 से दो बजे तक सदन की कार्यवाही चली। उस समय भाजपा के लोग सहयोग देते थे। कांग्रेस को अब सहयोग करना चाहिए था। सुबह नेता प्रतिपक्ष उनके पास आए थे और कहा था कि शाम पांच बजे के बाद सदन में नहीं बैठेंगे। यह उनकी रणनीति थी। मप्र के बजट पर कांग्रेस के 6 लोग बोलते हैं और जब अनुपूरक पर चर्चा होती है तो 16 लोग चर्चा में भाग लेते हैं।
ईश्वरदास रोहाणी
विधानसभा अध्यक्ष, मप्र
आज समाप्त हो सकता है मानसून सत्र
अविश्वास प्रस्ताव पर गुरुवार को होने वाली चर्चा के साथ ही 13 वीं विधानसभा का अंतिम सत्र समाप्त हो सकता है। बुधवार को अनुपूरक बजट के साथ ही 11 विधेयक पारित होने से सरकारी कामकाज पूरा हो गया है। विपक्ष ने सरकार पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया है। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने एक बयान में कहा कि जिस तरीके से बुधवार को कामकाज निपटाया गया उससे लगता है कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर भी चर्चा नहीं कराना चाहती। विधानसभा का मानसून सत्र सरकार की साजिश और षडच्यंत्र के तहत संचालित हो रहा है। अविश्वास प्रस्ताव में काले कारनामों की पोल खुलने से भयभीत मुख्यमंत्री सहित पूरी सरकार सदन को चलने नहीं देना चाहती है।
छह मिनट के विशेष सत्र के लिए जानी जाएगी 13वीं विधानसभा - मप्र की 13वीं विधानसभा पिछले साल 27 जुलाई को बुलाए गए एक दिन के छह मिनट के विशेष सत्र के लिए जानी जाएगी। सदन में हंगामे के बाद बनी स्थिति के कारण दो कांग्रेस विधायकों चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी और कल्पना परूलेकर की सदस्यता समाप्ति के निर्णय को वापस लेने के लिए बुलाया गया यह सत्र केवल छह मिनट में निपट गया था।