तीर्थयात्रियों की उम्मीद में आज भी रातभर जागते हैं छपरा एवं जूना के ग्रामीण

योगेश सोनी/रहली। केदार नाथ यात्रा पर गये ग्राम छपरा एवं जूना के बारह यात्रियों में किसी के भी मिलने की पक्की खबर नही मिल रही है वही तीर्थ यात्रा पर गये यात्रियों के घर वालों का रो रो कर बुरा हाल है उनकी आखें दरवाजे की और टकटकी लगाये एक ही बात कह रही है कि तुम कब आओगे तुम कब आओगे.!

हर फोन की बनजे वाली घंटी परिजनों के मिलने की आस जगा देती है पर नतीजा सिफर निकलता है। ग्राम छपरा ओर जूना के लापता यात्रियों के परिजनों से मुलाकात करने पर उन्होने बताया कि अखबार में प्रकाशित फोन नंबरों पर पर संपर्क करने पर बार बार यही जानकारी दी जा रही है कि अभी कोई जानकारी नही है जानकारी मिलते ही सूचना दी जायेगी। 

भोपाल  कांट्रोल आफिस से बारह में से दो यात्रियों के सुरक्षित होने की सूचना मिली है जिनके नाम शंकरलाल और इमरत रानी सुरक्षित यात्रियों की सूची में है और हरिद्वार केंप में होने की बात कही गई है लेकिन हरिद्वार संपर्क करने पर कोई जानकारी नही होने की बात कही गई है। दो यात्रियों के सुरक्षित होने की सूचना पर सेवानिवृत शिक्षक शंकरलाल कुर्मी के घर वालों को कुछ राहत मिली ही थी कि जैसे ही शंकरलाल कुर्मी के पुत्र परसराम ने हरिद्वार कंट्रोल आफिस से संपर्क किया तो कोई जानकारी नही होने की बात ने फिर मायूस कर दिया। 

इस संबंध में तहसीलदार कुलदीप पारासर से लापता यात्रियों के संबंध में जानकारी चाही तो उन्होने बताया कि यहां से लापता यात्रियों के फोटो पूरा पता मय फोन नंबर के शासन को भेज दिया हे लेकिन अभी तक इनके मिलने की शासन स्तर पर कोई खबर नही है वही रहली थाना में इन यात्रियों के गुम इंसान की कोई सूचना नही
है।

ग्राम छपरा में जैसे सन्नाटा सा छाया रहता है आखिर गांव के दस बरिष्ठ लोगों का अभी तक कोई पता नही चला है तीर्थ यात्रा पर गये शिक्षक शंकरलाल सहित सभी यात्रियों के घरवालों के परिजनों की हालत देखते ही बनती है गांव वाले इनके घरों में आकर परिजनों के शीर्घ मिलने की आशा बंधाते रहते है। इनके घरों में जैसे सन्नाटा सा पसर गया है।

केदार नाथ यात्रा पर लापता यात्रियों के साथ गये मोतीलाल कुर्मी बताते है कि हम लोग कुल 54 यात्री केदार नाथ यात्रा पर निकले थे जिसमें 40 छपरा के 5 जूना,3 हर्रा,2 झूंडा,2 चैका और 2 पटना के थे। ऋषिकेश से हम लोग दो बसों में रवाना हुये थे चूकी 42 सीअर बस चलती है सो एक बस में 42 यात्री और दूसरी में गांव के 12 यात्री सवार थे पहले यमनोत्री ओर गंगोत्री की यात्रा संपन्न हो चुकी थी केदार नाथ जाना था। 

चूकी  ऋषिकेष से 12 यात्रियों वाली बस पहले रवाना हो गयी थी और 42 यात्रियों वाली बस बाद में गयी थी गयी। हम सभी 42 यात्री गोरीकुंड में 15 जून को रुक गये थे और बाकी के  बारह  यात्री गोरीकुड पहले आ चुके थे वे लोग गोरीकुंड से केदार नाथ यात्रा के लिये पैदल रवाना हो चुके थे। 16 जून की सुबहा छह बजे हम सभी 42 यात्री केदारनाथ के लिये रवाना हुये तो थेडी दूर आगे जाने पर देखा के यात्रि वापस लोट रहै क्यों कि रास्ता बंद था हम सभी लोग धर्मशाला आकर रुक गये शाम को पांच बजे धर्मशाला के संतों ने चेतावनी दी कि प्राण बचाना है तो पहाडों की तरफ भागो हम भी भाग रहै है गंगा मैया में बाड आ गयी है।

इतना सुनते ही सभी लोग पहाडों की तरफ भागकर प्राण बचा पाये किसी से भी संपर्क नही हो पा रहा था। 20 जून तक हम लोग फंसे रहै 21 को बापिस ऋषिकेश आकर जान में जान आई यही पर गांव के बारह लोगों के साथ केदारनाथ यात्रा पर पैदल रवाना हुई पथरिया बांसा की कि महिला लक्ष्मी बाई जो किसी तरहा रामबाग से बचकर आ गई थी उसने बताया कि 16 तारीख को सुबहा 10 बजे रामबाग में थे  कि अचानक बाड आ गई और सभी लोग बाढ से बचने भागे जिसको जहां जगहा मिली बाढ उतरने के बाद देखा कि चारों और लाशें ही लाशें थी साथ के किसी भी यह यात्री का पता नही था। 

उसके बाद से लगातार उत्तराखंड के राहत शिवरों में संपर्क कर रहै है लेकिन साथ गये बारह यात्रियों के सुरक्षित होने की अभी तक कोई सुचना नही मिली है उसी दिन से भूख और प्यास भी गायब हो चुकी है। ना कुछ खाते बनता है ना ही कुछ कहते बनता है बस भगवान से यही प्रार्थना है कि गांव के सभी लोग सुरक्षित वापिस आ जाये। लापता यात्री शंकरलाल के पुत्र परसराम ने बताया कि 16 तारीख को जैसे ही टीव्ही पर केदारनाथ में बाढ से हुई तबाही की सूचना मिली तो तत्काल मोबाईल पर संपर्क किया फोन नही लगा लगातार संपर्क करने पर जब फोन नही लगा तो स्थानीय प्रशासन और पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव को सूचना दी। 21 जून को  गांव के दीनदयाल,गोपाल, सहित अन्य लोग अपने परिजनों को ढूंढने हरिद्वारा रवाना हुये सारे राहत केंप छान मारे पर कोई जानकारी नही मिली अंत में मायूस होकर वापिस लोट आये तभी से लगातार अखबारों में प्रकाशित प्रत्येक नंबर पर संपर्क कर रहे है लेकिन कोई जानकारी नही दी जा रही है।

भ्रामक जानाकरी देने का लगाया आरोप
परसराम सहित  जगदीश और रतिराम कुर्मी ने आपदा राहत केंद्रो पर भ्रामक जानाकरी देने का ओराप लगाते हुये शासन से स्पस्ट जानकारी देने की मांग की है। जगदीश कुर्मी के अनुसार उनकी पत्नि केशर बाई भी तीर्थ यात्रा पर गई थी उसकी जानकारी के लिये राहत आपदा केंद्रो पर जानकारी पूछने पर एक ही जबाब मिलता है लापता सूची में नाम है अभी कुछ कहा नही जा सकता। भोपाल केंद्र से 3 तारीख को मिली सूची में शंकरलाल और इमरत बाई के सुरक्षित होने की सूचना मिली है पर उत्तराखंड केंद्र से अभी भी लापता बता रहै है।

ये है लापता-
  1. शंकरलाल खिलान कुर्मी,छपरा
  2. इमरतरानी शंकर लाल कुर्मी छपरा
  3. रामचरन मन्नू कुर्मी छपरा
  4. रामरानी रामचरन कुर्मी छपरा
  5. करोडी हरवंशी चैरसिया छपरा
  6. केशरबाई जगदीश कुर्मी छपरा
  7. आशाराम काशीराम कुर्मी छपरा
  8. रामरानी आशाराम कुर्मी छपरा
  9. नत्थू रामचरान कुर्मी जूना
  10. सुहागरानी नत्थू कुर्मी जूना

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