भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद कांतिलाल भूरिया ने आज जारी बयान में कहा है कि भाजपा सरकार किसानों के हितों की बातें तो बहुत करती है, किंतु जमीनी स्तर पर उन बातों पर ईमानदारी और तत्परता के साथ अमल होता हुआ कम ही दिखाई दे रहा है।
भूरिया ने कहा है कि पिछले दिनों पाले के कारण रबी की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। राज्य और जिला स्तर पर कांग्रेस द्वारा बनाये गए दबाव के परिणाम स्वरूप जिला प्रशासन ने पाले से नष्ट फसलों का सर्वे तो प्रायः करवा लिया है, किंतु प्रभावित किसान मुआवजे के भुगतान के लिए इन दिनों परेशान हो रहे हैं। किसानों को अपना खेती-बाड़ी का काम छोड़कर मुआवजा पाने के लिए संबंधित सरकारी दफ्तरों के बार-बार चक्कर लगाना पड़ रहे हैं।
श्री भूरिया ने कहा है कि इन दिनों किसानों के पास रबी की फसल को लेकर हर दिन ढ़ेरों काम रहते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें मुआवजे के लिए उनके गांव से दूर ब्लाक, तहसील अथवा जिला कार्यालय में बार-बार संपर्क करने के लिए मजबूर करना उनके साथ अन्याय है। इस बात को जिला प्रशासन को गंभीरता से लेना चाहिए। आपने कहा है कि कलेक्टर कार्यालय में होने वाली जन सुनवाई में भी अपनी इस पीड़ा को किसान कलेक्टर के सामने रख रहे हैं।
किसानों की यह शिकायत भी है कि कुछ किसानों को फसल की भारी बर्बादी के आधार पर पटवारी ने मुआवजा दिलाने का आश्वासन तो उनको दिया था, किंतु कई दिन बीत जाने के बाद भी ऐसे किसानों से पटवारी ने फिर संपर्क नहीं किया। ये किसान असमंजस में हैं कि उनकी बर्बाद फसल का मुआवजा मिलेगा या नहीं।
आपने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि पाले से नष्ट फसल के सर्वे की एक बार संपूर्ण समीक्षा करें, जिससे कि मुआवजे का पात्र कोई किसान मुआवजा पाने से वंचित न रह जाए। इसके अलावा जिन किसानों के मुआवजे के प्रकरण बन चुके हैं और अभी भुगतान नहीं हुआ है, उन्हें संबंधित कार्यालय द्वारा भुगतान बाबत निश्चयात्मक जानकारी भी मुहैया कराई जाए, जिससे कि उन्हें खेती का काम छोड़कर अनावश्यक रूप से बार-बार दफ्तरों के चक्कर न लगाना पड़े।