अजीत जोगी के खिलाफ बालाघाट में ही चलेगा मुकदमा: हाईकोर्ट

जबलपुर। फर्जी जाति प्रमाण पत्र का इस्तेमाल करने के आरोप में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ शहडोल की अदालत में मुकदमा चलेगा।

जस्टिस तरुण कुमार कौशल की अदालत ने जोगी की पुनरीक्षण याचिका खारिज करते हुए निचली अदालत को कहा कि वो मुकदमे का निराकरण विधि अनुसार तो करे, लेकिन आवेदक (अजीत जोगी) की उपस्थिति के बारे में सीआरपीसी की धारा 205 के प्रावधानों पर उदार रुख अपनाए।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के निवासी दलपत सिंह परस्ते ने वहां की अदालत में एक परिवाद दायर करके आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का जाति प्रमाण पत्र फर्जी है।

परिवाद पर 4 सितम्बर 2003 को हुई सुनवाई के दौरान शहडोल के सीजेएम ने भादंवि की दारा 420, 467, 468 व  471 के तहत मामला दर्ज किया और अजीत जोगी के खिलाफ नोटिस जारी किए और मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर 2003 को निर्धारित की थी। इसके बाद दलपत सिंह परस्ते की ओर से एक अर्जी कोर्ट में पेश की गई, जिसमें प्रार्थना की गई थी कि अजीत जोगी को कोर्ट में तलब किया जाए।

निचली अदालत ने अजीत जोगी को 24 जनवरी 2004 को कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश उनके पैरोकार को दिए थे। इस फैसले को चुनौती देकर यह पुनरीक्षण याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने 23 जनवरी 2004 को अजीत जोगी की याचिका पर दलपत सिंह परस्ते को नोटिस जारी करके सीजेएम की कोर्ट में लंबित मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगा दी थी।

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