भोपाल। इन्दौर पुलिस द्वारा चलाए जा रहे गुंडा पकड़ो अभियान में आज पुलिस ने विधायक रमेश मेंदोला के एक समर्थक को पहले तो हंगामाखेज कार्रवाई करते हुए पकड़ा, परंतु थोड़ी ही देर में छोड़ दिया। इस कार्रवाई ने इन्दौर में पुलिस और कैलाश विजयर्गीय के बीच चल रही तनातनी को और बढ़ा दिया है।
सनद रहे कि धार भोजशाला मामले में आईजी इंदौर अनुराधा शंकर पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सीधा हमला बोलते हुए उन्हे लाठीचार्ज का दोषी बताया था। दूसरे दिन सुमित्रा महाजन ने अनुराधा शंकर को सपोर्ट दिया और दो दिन बाद सीएम व सीएस ने भी आईजी की पीठ थपथपा दी।
इसके बाद बैकफुट अपर आए कैलाश विजयर्गीय गुट पर आज इन्दौर पुलिस ने अटैक खोल दिया। पुलिस ने हनुमान नगर इलाके से मुन्ना डॉक्टर को हिरासत में लिया परंतु थोड़ी ही देर बाद उसे छोड़ दिया गया। अब इन्दौर पुलिस का कोई भी अधिकारी इस मामले में कुछ भी बयां करने को तैयार नहीं है, जबकि जमीनी स्तर के अधिकारियों में रोष व्याप्त है।
सनद रहे कि मुन्ना डॉक्टर विधायक रमेश मेंदोला का समर्थक कहा जाता है एवं रमेश मेंदोला केबीनेट मंत्री कैलाश विजयर्गीय के करीबी हैं। अत: इस पुलिस कार्रवाई को विजयर्गीय गुट के खिलाफ हमले के रूप में देखा जा रहा है एवं माना जा रहा है कि पुलिस ने विजयवर्गीय को इस माध्यम से चेतावनी देने की कोशिश की है।
इधर जमीनी स्तर के पुलिस कर्मचारी इस कार्रवाई से नाराज हैं। उनका कहना है कि वरिष्ठ अधिकारियों के आपसी विवाद में इस तरह की कार्रवाईयां उन्हें बाद में बहुत भारी पड़तीं हैं। बड़े लोगों के बीच तो समझौता हो जाता है परंतु निचले स्तर पर विवाद बना रहता है और राजनीति से विवाद हमेशा ही पुलिस के लिए घातक सिद्ध होता है।