श्योपुर/पूर्व मंत्री एवं विजयपुर के विधायक रामनिवास रावत गुरूवार को उस समय भड़क उठे, जब उन्हें ओला प्रभावित इलाकों का दौरा करने के दौरान सर्वे नहीं होने की जानकारी किसानों ने दी। फिर क्या था, विधायक ने बर्बाद फसलों को अपनी गाड़ी में भर लिया और पहुंच गए कलेक्टर के पास। कलेक्टोरेट स्थित कलेक्टर ज्ञानेश्वर बी पाटिल के चैंबर में पहुंचकर विधायक ने खूब भड़ास निकाली और ओला प्रभावित गांवों में सर्वे शुरू नहीं होने पर नाराजगी जताई।
विधायक रावत ने गुरूवार को ओला प्रभावित गांवों का दौरा कर बर्बाद फसलों की स्थिति देखी। विधायक सलमान्या, बाबड़ीचापा, नयागांव लाखा, रीछा, धावा, केरका, भोजका, सारसिल्ला, सावड़ी, मोरावन और सेसईपुरा गांव में पहुंचे। इन गांवों में पहुंचने के बाद विधायक ने उन खेतों का दौरा किया, जहां भीषण ओलावृष्टि की भेंट फसलें चढ़ गई।
किसानों ने विधायक को बताया कि सरसों, गेहूं के साथ-साथ चना, धनिया की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। किसानों ने पीड़ा सुनाई कि बड़ी मेहनत कर फसलों की बुआई की थी, लेकिन ओलावृष्टि ने उनकी आंखों से आंसू निकाल दिए हैं। विधायक को किसानों ने बताया कि फसलों की बर्बादी होने के बाद उन्हें राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है, क्योंकि गांव में प्रशासन का कोई भी कर्मचारी सर्वे करने नहीं आया है।
किसानों की पीड़ा सुनने के बाद विधायक कलेक्टर से मिलने पहुंचे और उनकी टेबिल पर बर्बाद हुई फसलें रख दी। कलेक्टर कुछ माजरा समझ पाते, इससे पहले ही विधायक बोल दिए कि शासन-प्रशासन किसानों की भावनाओं के साथ खेल रहा है। विधायक ने कहा कि ओलावृष्टि से चौपट हुई फसलों का सर्वे नहीं कराया जा रहा है, इसलिए वे सोमवार को विधानसभा में जोर-शोर से मामले को उठाएंगे।
यह रहे विधायक के साथ
ओलाप्रभावित गांवों का दौरा करने के दौरान विधायक रावत के साथ प्रदेश कांग्रेस सदस्य गिरिराज सिंह चौधरी, सेवादल अध्यक्ष संजीव सिंह कुशवाह, महामंत्री रामलखन गुप्ता, देवीराम बंजारा, घनश्याम पटेल, यदुराज सिंह जाट, रमेश आदिवासी, गुलाब बंजारा, रामचरण गुर्जर, नरपत पटेल, सीताराम आदिवासी, देवभान सिकरवार, शंभू बैरवा आदि मौजूद थे।