भोपाल। मध्यप्रदेश में आंदोलित अध्यापकों को अब भाजपा ने समझाइश दी है कि वो राष्ट्रनिर्माण की मानसिकता के साथ काम करें, वेतनभोगी की मानसिकता के साथ नहीं। यह समझाइश भाजपा अध्यापक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक भगवतीप्रसाद श्रोती ने आज जारी एक बयान में दी है।
भाजपा के प्रदेश कार्यालय स्थित मीडिया सेल से जारी बयान में भारतीय जनता पार्टी अध्यापक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक भगवतीप्रसाद श्रोती ने कहा कि प्रदेश के अध्यापक संवर्ग को सम्मान और वेतनमान देकर राष्ट्र निर्माण के कार्य में लगे अध्यापकों के प्रति संवेदना और हितचिंतन किया है। अध्यापक संवर्ग को दी गयी इस सौगात के लिए श्रोती ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में मनमानी कर अध्यापक संवर्ग के साथ बेइन्साफी की। पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र देकर जो संकल्प व्यक्त किया था वही प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में विसंगति साबित हुई। पूर्ववर्ती कांग्रेसी सरकार में नगरीय निकायों के अंतर्गत की गयी भर्तियां शिक्षाकर्मी के नाम से की गयी थी और सुप्रीम कोर्ट में शिक्षक केडर को डाइंग केडर घोषित किया था जिससे शिक्षा विभाग में पदोन्नतियों पर विराम लग गया।
शिक्षाकर्मी को अल्प स्थाई राशि पर भर्ती कर शिक्षा को चौपट करने में कसर नहीं छोडी। भगवतीप्रसाद श्रोती ने कहा कि भाजपा सरकार ने शिक्षाकर्मी को सम्मान देकर उन्हें अध्यापक संवर्ग में रखा और वेतनमान दिया। उनकी बेहतरी के लिए प्रावधान किया। सम्मान और आर्थिक प्राप्तियां भी सुनिष्चित कर अध्यापक संवर्ग के साथ पूरी सहानुभूति और संवेदना का सबूत दिया है।
राज्य सरकार और नगरीय निकायों के सीमित संसाधनों में यह पहल ऐतिहासिक है। श्रोती ने आग्रह किया है कि अध्यापक संवर्ग अपने दायित्व के प्रति सजग हो। अध्यापक वर्ग राष्ट्र निर्माण की भावना से काम करता है। वेतनभोगी की मानसिकता से नहीं।