भोपाल, 10 दिसंबर 2025: पूरा सिस्टम महिला विरोधी है। पंचायत की बैठक से लेकर मंत्री के मंच तक सरपंच पति को सम्मान देने वाले सिस्टम ने महिला शिक्षक के स्थान पर उनके पति द्वारा क्लास लेने को गंभीर अपराध माना और महिला शिक्षक को सस्पेंड कर दिया। आप इस समाचार में तंज तलाश सकते हैं, लेकिन मुद्दा तो है।
कलेक्टर की अटकी तो नियम शिथिल, शिक्षक की जरूरत तो कड़ी कार्रवाई
मामला सतना जिले का है। चुनाव आयोग के SIR के दौरान शिक्षकों के पूरे परिवार ने काम किया। कलेक्टर को सब पता था लेकिन तब कलेक्टर की अटकी थी, दिल्ली से डंडा चल रहा था। इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। किसी ने शिकायत कर दी की शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हिनौती विकासखंड रामनगर जिला मैहर में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ श्रीमती सरिता त्रिपाठी के स्थान पर उनके पति श्री रोहिणी प्रसाद त्रिपाठी द्वारा अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। जब से इलेक्ट्रॉनिक अटेंडेंस का टंटा शुरू हुआ है, इस प्रकार के एडजस्टमेंट होने लगे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने इस शिकायत को इतनी गंभीरता से लिया कि तुरंत एक अधिकारी को जांच करने के लिए भेज दिया। जांच में पाया गया कि श्री रोहिणी प्रसाद त्रिपाठी क्लास ले रहे हैं। बस फिर क्या था, श्रीमती सरिता त्रिपाठी को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया। उनको अपना पक्ष रखने का मौका भी नहीं दिया गया।
सबको समान प्रिविलेज मिलना चाहिए
SIR के दौरान शिक्षकों से ओवरटाइम करवाया गया। इसके बदले में कोई सैलरी नहीं दी गई। जबकि अटेंडेंस के मामले में लोक शिक्षण संचालनालय वाले डंडा लेकर खड़े हुए हैं। आने और जाने में थोड़ी सी भी गड़बड़ हो गई तो सैलरी काट लेते हैं। सवाल यह है कि जब कलेक्टर की प्रॉब्लम सॉल्व करने के लिए शिक्षक ओवरटाइम करते हैं तो शिक्षकों की प्रॉब्लम के मामले में भी जिला शिक्षा अधिकारी को प्रैक्टिकल रहना चाहिए। सस्पेंड करने से पहले एक बार बुलाकर पूछना तो चाहिए।
.webp)