नीमच, 10 दिसंबर 2025: भारत में मिठाई के साथ नमकीन बिल्कुल वैसा ही है जैसे समोसे के साथ चटनी। लेकिन खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 31 और 63 के तहत यदि आप मिठाई के साथ नमकीन भी बनाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको अलग से लाइसेंस लेना होगा। एक दुकानदार ने सिर्फ नमकीन बनाने का लाइसेंस नहीं लिया तो उसे 3 साल जेल की सजा हो गई।
जांच में नमकीन स्टैंडर्ड क्वालिटी के पाए गए
यह घटना साल 2018 की है। 27 फरवरी 2018 को शाम करीब 5 बजे खाद्य सुरक्षा अधिकारी सचिन लोगरिया ने तिलक मार्ग स्थित गोपी मिष्ठान भंडार पर निरीक्षण किया। दुकान पर दूध-मावे की मिठाइयों के अलावा गोपी मिष्ठान ब्रांड के विभिन्न नमकीन बिक रहे थे। अधिकारी ने तीखा मिक्सचर के चार पैकेट सैंपल लिए और 280 रुपये का भुगतान किया। सैंपल भोपाल की लैब में जांचे गए, जहां वे मानकों पर खरे उतरे।
नमकीन बनाने का लाइसेंस नहीं था
लेकिन जब निर्माण और बिक्री के लिए लाइसेंस मांगा गया तो संचालक ने सिर्फ बिक्री का लाइसेंस दिखाया। नमकीन बनाने का वैध लाइसेंस उनके पास नहीं था। इससे अधिनियम की धारा 31 का उल्लंघन हुआ और धारा 63 के तहत सजा का प्रावधान बना। अधिकारी ने पूरी कार्यवाही के बाद कोर्ट में परिवाद दाखिल किया।
मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से एडीपीओ अजय वर्मा ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी और पंच गवाहों के बयान करवाए। सभी सबूतों से अपराध साबित हुआ और कोर्ट ने मैसर्स गोपी मिष्ठान भण्डार, 503, तिलक मार्ग, नीमच के मालिक राजेश पिता राधेश्याम सैनी, उम्र-40 वर्ष को यह सजा सुनाई।
