जबलपुर, 2 दिसंबर 2025: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में सिविल सेवा (पदोन्नति) नियम 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज लगभग एक घंटे की सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं की दलीलें पूरी हो चुकी हैं, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से आज बहस शुरू नहीं हो सकी। सरकार के अनुरोध पर जस्टिस विवेक अग्रवाल की सिंगल बेंच ने सभी 38 लिंक्ड याचिकाओं (मुख्य याचिका WP 24880/2025 सहित) की अगली सुनवाई 16 दिसंबर 2025 तय कर दी।
हाई कोर्ट ने सिर्फ दो हफ्ते की मोहलत दी
कोर्ट नियमित सुनवाई करना चाह रही थी, मगर Additional Advocate General श्रीमती जान्हवी पंडित ने सीनियर एडवोकेट तथा पूर्व Solicitor General सी.एस. वैद्यनाथन की व्यस्तता का हवाला देते हुए जनवरी 2026 तक टालने की गुजारिश की। हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सिर्फ दो हफ्ते की मोहलत दी और 16 दिसंबर की तारीख तय की।
याचिकाकर्ताओं की पैरवी सीनियर एडवोकेट नरेश कौशिक ने की। वहीं नियमों के समर्थन में अजाक्स संघ ने RPS Law Associates के जरिए अलग से याचिका (WP 16383/2025) दाखिल की है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. के.एस. चौहान ने दलीलें पेश कीं। आरक्षित वर्ग के कई कर्मचारियों की ओर से दाखिल इंटरवेंशन एप्लीकेशन पर सीनियर एडवोकेट रामेश्वर सिंह ठाकुर और विनायक प्रसाद शाह ने पक्ष रखा।
यह मामला अब 11वीं सुनवाई पूरी कर चुका है और अगली तारीख पर राज्य सरकार की ओर से सी.एस. वैद्यनाथन के बहस करने की संभावना है। रिपोर्ट: रामेश्वर सिंह ठाकुर।
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• 28 नवंबर 2025: हाईकोर्ट ने पदोन्नति नियम 2025 पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार किया था, साथ ही याचिकाकर्ताओं को अपनी दलीलें जल्द पूरी करने का निर्देश दिया था।
• 14 अक्टूबर 2025: नियमों के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सरकार से 4 हफ्ते में जवाब मांगा गया था, जिसके बाद कई इंटरवेंशन एप्लीकेशन दाखिल हुईं।
• 5 सितंबर 2025: अजाक्स संघ ने नियमों के समर्थन में अलग याचिका दायर की थी, जिसे मुख्य याचिकाओं से लिंक कर दिया गया।
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