भोपाल, 2 दिसंबर 2025: मध्य प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कुल 13,476.94 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है, जिसमें राजस्व मद में 8,448.57 करोड़ और पूंजीगत मद में 5,028.37 करोड़ रुपये शामिल हैं। इस समाचार में हम आपको बता रहे हैं कि किस विभाग और योजना के लिए कितना प्रावधान किया गया है और इससे मध्य प्रदेश की पब्लिक और मध्य प्रदेश राज्य को क्या फायदा होगा।
मुख्य प्रावधान इस प्रकार हैं:
- प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए ग्रामीण विकास विभाग को 2,400 करोड़ रुपये।
- खरीदी एजेंसियों को लोन के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को 2,000 करोड़ रुपये।
- मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को 1,794 करोड़ रुपये।
- 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत पंचायतों व नगरीय निकायों को 1,633 करोड़ रुपये का अनुदान।
- औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग को लैंड एक्विजिशन, सर्वे और डिमार्केशन के लिए 650 करोड़ रुपये।
- नर्मदा घाटी विकास विभाग को सरदार सरोवर बांध से प्रभावितों के लिए 600 करोड़, बरगी डायवर्जन योजना के लिए 200 करोड़ और इंदिरा सागर परियोजना (एमसीएवी) के लिए 94 करोड़ रुपये।
- किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग को भावांतर फ्लैट रेट योजना के लिए 500 करोड़ रुपये।
- जल संसाधन विभाग को बैराज व संलग्न कार्यों के लिए 300 करोड़ और बहुती एमसीएडी क्लस्टर फेज-2 के लिए 63 करोड़ रुपये।
- लोक निर्माण विभाग को लैंड एक्विजिशन मुआवजे के लिए 300 करोड़ रुपये।
- नगरीय विकास एवं आवास विभाग को अमृत 2.0 के तहत अलग-अलग कैटेगरी के शहरों के लिए कुल 4,365 करोड़ रुपये (मिलियन प्लस शहरों के लिए 2,115 करोड़, एक लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए 2,100 करोड़ और अन्य के लिए 150 करोड़)।
- स्कूल शिक्षा विभाग को पीएम जनमन (समग्र शिक्षा) के लिए 122 करोड़ और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के लिए 108 करोड़ रुपये।
ये प्रावधान मुख्य रूप से चल रही योजनाओं को गति देने और जरूरी कार्यों को पूरा करने के लिए किए गए हैं। विधानसभा में जल्द ही इन्हें पेश किया जाएगा।
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दूसरी अनुपूरक मांगों को मंजूरी देने से क्या होगा
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2025-26 के लिए दूसरी अनुपूरक मांगों को मंजूरी देने से राज्य की विभिन्न विकास योजनाओं को नई गति मिलेगी। कुल 13,476.94 करोड़ रुपये के इस अतिरिक्त प्रावधान से मुख्य रूप से ग्रामीण आवास, महिला सशक्तिकरण, कृषि समर्थन, सिंचाई, शहरी विकास और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में तेजी आएगी, जिससे लाखों लाभार्थियों को सीधी फायदा पहुंचेगा।
प्रमुख प्रभाव ग्रामीण विकास पर
इस मंजूरी का प्रमुख प्रभाव ग्रामीण विकास पर पड़ेगा, जहां प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 2,400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में हजारों नई कच्ची मिट्टी के घरों का निर्माण संभव हो सकेगा, जिससे गरीब परिवारों को पक्के आशियाने मिलेंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगा। इसी तरह, महिला एवं बाल विकास विभाग को मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के लिए 1,794 करोड़ रुपये मिलने से 1.29 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को मासिक 1,000 रुपये की सहायता समय पर उपलब्ध होगी, जो उनकी आर्थिक स्वतंत्रता को मजबूत करेगी और परिवारों के खर्चों में कमी लाएगी।
कृषि क्षेत्र में भी सकारात्मक बदलाव दिखेगा
किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग को भावांतर फ्लैट रेट योजना के लिए 500 करोड़ रुपये मिलने से सोयाबीन, मूंग और अन्य फसलों पर उत्पादन लागत और बाजार मूल्य के अंतर की भरपाई आसानी से हो सकेगी। इससे किसानों को घाटे से बचाव होगा और खेती को लाभदायक बनाया जा सकेगा, खासकर मालवा और निमाड़ जैसे सोयाबीन बेल्ट वाले क्षेत्रों में। इसके अलावा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को 2,000 करोड़ रुपये के लोन प्रावधान से खरीदी एजेंसियां मजबूत होंगी, जिससे धान-गेहूं जैसी फसलों की खरीद प्रक्रिया सुगम होगी और किसानों को MSP पर बेहतर समर्थन मिलेगा।
सूखा प्रभावित जिलों में फसल उत्पादन बढ़ेगा
सिंचाई और जल संसाधनों के मोर्चे पर नर्मदा घाटी विकास विभाग को सरदार सरोवर बांध प्रभावितों के लिए 600 करोड़, बरगी नहर डायवर्जन के लिए 200 करोड़ और इंदिरा सागर परियोजना के लिए 94 करोड़ रुपये मिलने से प्रभावित क्षेत्रों का पुनर्वास तेज होगा। जल संसाधन विभाग को बैराज निर्माण के लिए 300 करोड़ और बहुती MCAD क्लस्टर के लिए 63 करोड़ से नई सिंचाई सुविधाएं विकसित होंगी, जिससे 2029 तक 100 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का लक्ष्य करीब आएगा। इससे सूखा प्रभावित जिलों में फसल उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में मदद मिलेगी।
शहरी और औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा
नगरीय विकास एवं आवास विभाग को AMRUT 2.0 के तहत 4,365 करोड़ रुपये (मिलियन प्लस शहरों के लिए 2,115 करोड़, छोटे शहरों के लिए 2,100 करोड़ आदि) से जलापूर्ति, सीवेज और सड़क सुधार कार्यों में तेजी आएगी, जिससे शहरों की बुनियादी सुविधाएं मजबूत होंगी। औद्योगिक नीति विभाग को 650 करोड़ से लैंड एक्विजिशन और सर्वे कार्यों से निवेश आकर्षित होगा, जिससे नई फैक्ट्रियां लगेंगी और रोजगार सृजन होगा। लोक निर्माण विभाग को 300 करोड़ से भूमि अधिग्रहण मुआवजे से इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स आगे बढ़ेंगे।
लाखों बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी
शिक्षा के क्षेत्र में स्कूल शिक्षा विभाग को PM जनमन (समग्र शिक्षा) के लिए 122 करोड़ और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के लिए 108 करोड़ से आदिवासी इलाकों में स्कूलों का उन्नयन होगा, जिससे लाखों बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी। पंचायत विभाग को 15वें वित्त आयोग से 1,633 करोड़ के अनुदान से स्थानीय निकायों की क्षमता बढ़ेगी, जिससे गांव स्तर पर विकास कार्य सुचारू होंगे।
राज्य की जीएसडीपी वृद्धि को सपोर्ट मिलेगा
कुल मिलाकर, इस मंजूरी से राज्य की जीएसडीपी वृद्धि को सपोर्ट मिलेगा, क्योंकि ये फंड्स चल रही योजनाओं को पूरा करने और नई पहलों को शुरू करने में लगेंगे। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इन्हें पेश करने से वित्तीय पारदर्शिता बनी रहेगी, हालांकि विपक्षी दलों द्वारा बहस हो सकती है। लंबे समय में इससे गरीबी उन्मूलन, रोजगार वृद्धि और बुनियादी ढांचे के मजबूतीकरण में योगदान होगा, जो मध्य प्रदेश को विकसित राज्य बनाने की दिशा में एक कदम है।
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