भोपाल, 2 दिसंबर 2025: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रालय में स्कूल शिक्षा विभाग की विस्तृत समीक्षा बैठक हुई। बैठक में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन से लेकर नामांकन, ड्रॉपआउट रेट, इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षकों की उपस्थिति तक हर पहलू पर चर्चा हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने शिक्षकों की रियल टाइम अटेंडेंस मॉनिटरिंग के निर्देश दिए। रियल टाइम अटेंडेंस मॉनिटरिंग क्या होती है, इसके बारे में हमने इसी समाचार में विस्तार से बताया है।
इस बार सरकारी स्कूलों में private schools से भी ज्यादा बच्चे आए
नामांकन के मोर्चे पर अच्छी खबर सामने आई। पिछले साल की तुलना में इस बार 120 प्रतिशत तक enrollment बढ़ा है और सरकारी स्कूलों में private schools से भी ज्यादा बच्चे आए हैं। बालिका शिक्षा और छात्रावास व्यवस्था को और बेहतर करने के सख्त निर्देश दिए गए।
ड्रॉपआउट रेट में भी उल्लेखनीय कमी आई है। प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर फोकस रहेगा। सभी स्कूलों में 100% विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा गया है। शौचालयों की मरम्मत और साफ-सफाई को प्राथमिकता देने को कहा गया है।
शिक्षकों की real-time attendance monitoring करने के निर्देश
शिक्षकों की अनुपस्थिति पर CM सख्त नजर आए। उन्होंने नई तकनीक से real-time attendance monitoring करने के निर्देश दिए। लैपटॉप वितरण योजना के लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने को भी कहा गया।
मुख्यमंत्री ने सभी योजनाओं के ground-level impact की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत मध्यप्रदेश में 12 स्थानीय और जनजातीय भाषाओं में पढ़ाई शुरू करने के प्रयास तेज किए गए हैं, खासकर tribal-dominated इलाकों में।
बैठक में PM SHRI स्कूलों और सांदीपनि विद्यालयों की व्यवस्थाओं की समीक्षा हुई। अब हर विधानसभा क्षेत्र में एक सांदीपनि विद्यालय सुनिश्चित करने की योजना है।
CM का इनोवेटिव आइडिया: एक भवन, अनेक कक्षाएं
मुख्यमंत्री ने एक नया नवाचार सुझाया, "एक भवन, अनेक कक्षाएं" की तर्ज पर जहां स्कूल का समय खत्म होने के बाद उसी बिल्डिंग में शाम को कॉलेज की क्लासेस शुरू की जाएं। इससे इंफ्रास्ट्रक्चर का optimal utilization होगा।
डिजिटल शिक्षा की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी पेश की गई। अच्छे बोर्ड रिजल्ट लाने वाले स्कूलों के प्रिंसिपलों को पुरस्कृत और प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए गए।
कुल मिलाकर बैठक में शिक्षा विभाग के हर पहलू को बेहतर बनाने का roadmap तैयार हुआ।
रियल टाइम अटेंडेंस मॉनिटरिंग क्या होती है?
रियल टाइम अटेंडेंस मॉनिटरिंग यानी शिक्षकों (या कर्मचारियों) की हाजिरी को तुरंत (real-time) और ऑनलाइन ट्रैक करने की तकनीकी व्यवस्था। इसमें एक सेकंड की देरी के बिना यह पता चल जाता है कि कौन शिक्षक स्कूल में मौजूद है और कौन नहीं।
मध्यप्रदेश में यह कैसे काम कर रही/करने वाली है?
मुख्य रूप से तीन-चार तरीकों से इसे लागू किया जा रहा है:
1. Facial Recognition App
- शिक्षक सुबह स्कूल पहुंचते ही अपने मोबाइल में Hamare Shikshak App खोलते हैं।
- कैमरा ऑन करके अपना चेहरा स्कैन करते हैं।
- ऐप में GPS लोकेशन भी ऑन रहता है, ताकि यह पक्का हो कि शिक्षक स्कूल परिसर में ही है, घर से या रास्ते से न मार्क कर दे।
- जैसे ही चेहरा मैच होता है, हाजिरी तुरंत भोपाल स्थित सर्वर पर दर्ज हो जाती है।
2. Geo-fencing
- हर स्कूल के चारों तरफ एक virtual boundary बना दी जाती है (लगभग 200-500 मीटर radius)।
- अगर शिक्षक उस दायरे से बाहर है तो ऐप हाजिरी लेने ही नहीं देता।
3. Aadhaar-Based Biometric
- पहले फिंगरप्रिंट मशीन लगी थीं, लेकिन अब कई जगहों पर इसे भी मोबाइल से लिंक कर दिया है।
4. लाइव डैशबोर्ड
- मुख्यमंत्री कार्यालय, शिक्षा मंत्री, कलेक्टर तक – सभी के पास एक लाइव डैशबोर्ड होता है जिसमें प्रदेश के हर स्कूल की रियल-टाइम हाजिरी दिखती है।
- सुबह 10 बजे के बाद एक क्लिक पर पता चल जाता है कि आज पूरे प्रदेश में कितने प्रतिशत शिक्षक अनुपस्थित हैं और कौन-कौन से स्कूल सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
फायदे
- फर्जी हाजिरी पूरी तरह बंद
- तुरंत कार्रवाई संभव (जैसे अनुपस्थित शिक्षक को SMS/नोटिस)
- पैसा और समय की बचत (पहले मैन्युअल रजिस्टर भेजते थे)
- पेरेंट्स को भी SMS से पता चल जाता है कि आज उनके बच्चे के शिक्षक आए हैं या नहीं
संक्षेप में कहें तो अब शिक्षक कहीं छुप नहीं सकता – जैसे ही स्कूल टाइम होता है, सिस्टम खुद बता देता है कि कौन आया और कौन नहीं आया!
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