भोपाल, 26 दिसंबर 2025: मध्य प्रदेश कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की 2 वर्ष की उपलब्धियों तथा आगामी 3 वर्ष की कार्य योजना के संबंध में शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा की गई एवं बैठक में कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिलीप जायसवाल, अपर मुख्य सचिव श्री नीरज मंडलोई, अपर मुख्य सचिव श्री के.सी. गुप्ता सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। विभागीय अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष अगले 3 साल की कार्य योजना प्रस्तुत की गई, जो इस प्रकार है:-
Department of Rural Industry, Madhya Pradesh: 2 years of achievements
- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में 2568 ग्रामोद्योग इकाइयों को स्वीकृति प्रदान की गई। कुल 63 करोड़ रूपए अनुदान राशि वितरित की गई तथा बैंकों से 252 करोड़ रूपए का ऋण स्वीकृत कराया गया। कार्यक्रम के अंतर्गत 6300 नवीन रोजगार सृजित हुए।
- कौशल उन्नयन विकास कार्यक्रम में 1710 लोगों को प्रशिक्षण तथा 1197 का प्लेसमेंट कराया गया।
- विभाग द्वारा 10 करोड़ रूपए की सामग्री का उत्पादन किया गया तथा एम्पोरियम से 23 करोड़ रूपए की सामग्री का विक्रय हुआ।
- भोपाल में जवाहर चौक और भोपाल हाट में नवीन एम्पोरियम आरंभ किए गए।
- जिला स्तर पर 49 और राज्य स्तर पर 30 प्रदर्शनियों के साथ ही नई दिल्ली, मुम्बई, रांची, कलकत्ता और छत्तीसगढ़ में प्रदर्शनियां लगाई गईं।
- डिजिटल मीडिया के माध्यम से आउटरिच का लगातार विस्तार किया जा रहा है।
Department of Rural Industry, Madhya Pradesh: Action plan for the next three years
- ग्वालियर तेलघानी केन्द्र का उन्नयन कर, वहां उत्पादन बढ़ाना।
- उज्जैन, देवास, सागर, महेश्वर और बुरहानपुर में स्फूर्ति योजना में खादी वस्त्र उत्पादन, प्रोसेस कार्य, चर्म सामग्री निर्माण का विस्तार करना।
- भोपाल में बुटिक एवं ब्लॉक प्रिंट, जरी-जरदोजी, सिलाई और माटीकला पर केन्द्रित सामान्य सुविधा केन्द्र की स्थापना।
- बुनकरों के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफार्म उपलब्ध कराना।
- एक हजार बुनकरों को डिजाईन विकास, मार्केट लिंकेज आदि में सहायता।
- 1700 बुनकरों को प्रशिक्षण तथा 800 बुनकरों को उन्नत उपकरण उपलब्ध कराना।
- प्रदेश के भीतर और बाहर प्रमुख महानगरों में 270 मेलों/प्रदर्शनियों का आयोजन कर बुनकरों और शिल्पियों को मार्केट उपलब्ध कराना।
- खादी वस्त्र उत्पादन क्षमता को दुगना करना।
- देवास के ग्राम बालगढ़ में 15 करोड़ की लागत से पोनी प्लांट की स्थापना।
- जबलपुर में खादी ग्रामोद्योग एम्पोरियम का नवीनीकरण।
- भोपाल में चित्तोड़ काम्पलेक्स एमपी नगर में खादी मॉल का निर्माण।
- उज्जैन में खादी एम्पोरियम का संचालन।
- एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत सामग्री के प्रचार-प्रसार और ब्रांडिंग को बढ़ाना।
- खादी वस्त्र उत्पादन कार्य में वृद्धि करना तथा 8 हजार नवीन रोजगार के अवसरों का सृजन।
- लूम और चरखे पर आधारित गतिविधियों को उज्जैन तथा अनूपपुर जिले में पॉयलेट प्रोजेक्ट के रूप में लेना।
- मिट्टी की मूर्तियों और टेराकोटा के प्रशिक्षण आयोजित करना।
- माटीकला को प्रोत्साहन के लिए गतिविधियां संचालित करना।
