भोपाल, 28 नवंबर 2025: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 70 किलोमीटर दूर सीहोर जिले के कोठरी गांव में "VIT BHOPAL" के नाम से संचालित VIT यूनिवर्सिटी कांड की जांच में मध्य प्रदेश प्राइवेट यूनिवर्सिटी विनियामक आयोग की जांच में यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट दोषी पाया गया है। इन्वेस्टिगेशन में यह भी पाया गया कि, विद्यार्थियों ने लूटपाट नहीं की बल्कि प्रताड़ना के खिलाफ आवाज उठाने पर जब उनके साथ मारपीट की गई, तब हिंसा भड़की।
VIT BHOPAL कांड यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट की लापरवाही और मनमानी का नतीजा
हंगामे के बाद बनी तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने साफ लिखा… “पूरा घटनाक्रम प्रबंधन की लापरवाही का नतीजा है।” कमेटी ने 6 सबसे गंभीर खामियां उजागर की हैं...
1. खाना खराब, पानी बदबूदार : 5 मेस, लेकिन गुणवत्ता शून्य। पानी पीते ही छात्रों को उल्टी की शिकायत हुई।
2. पीलिया फैला, पर रिकॉर्ड तक नहीं : 14–24 नवंबर के बीच 35 छात्र बीमार हुए, लेकिन कॉलेज के पास इसका कोई डेटा ही नहीं है।
3. CMHO को दो घंटे गेट पर रोका : जब सीहोर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी निरीक्षण के लिए कैंपस पहुंचे तो उन्हें गेट पर 2 घंटे रोका गया।
4. शिकायत पर I-card जब्त और धमकी: खराब पानी और भोजन की शिकायत करने पर बच्चों के आईकार्ड जब्त किया जाता था। परीक्षा में न बैठाने की धमकी दी जाती थी।
5. छात्रों से मारपीट के वीडियो सामने आए: कई छात्रों से मारपीट के वीडियो सामने आए। यानी यहां पढ़ाई नहीं, दमन का ‘डिसिप्लिन’ चल रहा था।
6. रात 2 बजे पुलिस बुलाई, जब आग फैल चुकी थी: वीआईटी प्रबंधन हालात संभालने में नाकाम रहा। पुलिस देर से बुलाई। तब तक कई जगह तोड़फोड़, आगजनी हो चुकी थी।
बिना मान्यता के कोर्स चल रहे हैं, 6560 सीटें अवैध
आष्टा के बीजेपी विधायक गोपाल सिंह इंजीनियर पहले ही सदन में आरोप लगा चुके हैं कि वीआईटी में बिना मान्यता कोर्स चल रहे हैं। यहां की 6560 सीटें अवैध हैं। फैकल्टी की कमी है। फायर, पर्यावरण, TCP, वन विभाग… किसी की NOC नहीं ली गई। अवैध निर्माण, ऊंचाई नियमों का उल्लंघन, हॉस्टल में सुविधाओं की कमी है और प्रबंधन डेटा छिपाता है।
यूनिवर्सिटी बिल्डिंग का अवैध निर्माण
आष्टा एसडीएम की जांच रिपोर्ट में पता चला कि VIT ने सर्वे नंबर 968/1/3, 974/1 सहित कई कृषि भूमि पर बिना डायवर्जन क्लासरूम, ब्लॉक और गतिविधियां शुरू कर दीं। कुल बकाया भू-राजस्व ₹19.39 लाख में से केवल ₹7.37 लाख जमा। यानी ₹12.01 लाख अब भी बकाया।
यूनिवर्सिटी के पास फायर NOC भी नहीं है
वीआईटी पर फायर शुल्क के 42.40 लाख रुपए बकाया हैं। कोठरी नगर परिषद ने तीन बार 29 मई, 20 जून और 22 जुलाई 2024 को नोटिस भेजे। हर बार एक ही जवाब मिला, दस्तावेज नहीं हैं। 1 अक्टूबर 2024 की अंतिम चेतावनी में साफ कहा गया कि तीन दिन में परमिशन बताएं वरना अवैध निर्माण हटेगा। इसके बावजूद जवाब नहीं दिया।
जो कुछ भी हुआ उसके लिए यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट जिम्मेदार: जांच कमेटी
जांच कमेटी ने विस्तृत जांच रिपोर्ट मप्र निजी विवि विनियामक आयोग को सौंप दी। हमीदिया कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनिल शिवानी, एमवीएम कॉलेज के प्रो. संजय दीक्षित व जीएमसी के प्रो. लोकेंद्र दवे की कमेटी ने कहा है कि पूरा घटनाक्रम प्रबंधन की लापरवाही का नतीजा है।
VIT BHOPAL: यूनिवर्सिटी है या जेल
जांच रिपोर्ट को पढ़ने और विरोध करने वाले विद्यार्थियों के बयान सामने आने के बाद यह बात समझ पाना मुश्किल हो गया है कि सीहोर जिले की कोठरी गांव में जो बिल्डिंग है, वह यूनिवर्सिटी है या जेल। यहां मैनेजमेंट द्वारा विद्यार्थियों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है जैसे जेल में सजा प्राप्त अपराधियों के साथ किया जाता है:-
- खाना-पानी की शिकायत करो तो मारपीट करते हैं।
- व्यवस्था के खिलाफ विरोध करने पर परीक्षा में नहीं बैठने देते।
- कोई भी सवाल उठाया तो आईडी जमा कर लेते हैं।
- बीमार स्टूडेंट का रिकॉर्ड नहीं रखा जाता।
- हॉस्टल में प्राथमिक चिकित्सा की कोई व्यवस्था नहीं है।
- सिक्योरिटी गार्ड स्टूडेंट की रक्षा नहीं करता बल्कि डंडा दिखता है।
.webp)