भोपाल, 14 नवंबर 2025: बागेश्वर वाले धीरेंद्र कृष्ण गर्ग बाबा सनातन एकता पदयात्रा पर है। आज उनकी पदयात्रा का आठवां दिन था। लगातार तीसरे दिन उनकी तबीयत खराब हुई। बुखार, बीपी और सांस लेने में तकलीफ की वजह से वह अपने पैरों पर खड़े नहीं रह पाए। सड़क पर बैठ गए। डॉक्टर बोले-फेफड़ों में धूल भर गई है। ऐसा प्रदूषण से होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस सड़क पर बागेश्वर वाले बाबा लगातार 1 महीने तक पैदल चले तो उनके जीवन को संकट हो सकता है।
सड़कों पर पर प्रदूषण जानलेवा हो गया है
लोग जलवायु और प्रदूषण के विषय में अभी तक गंभीर नहीं है जबकि इनके बिगड़ जाने के कारण स्थिति काफी गंभीर हो गई है। दिल्ली की हवा कितनी जहरीले है सब जानते हैं लेकिन आगरा में भी कोई अच्छी स्थिति नहीं है। PM₂.₅ ~ 56.9 µg/m³, PM₁₀ ~ 189.8 µg/m³ यह संख्या लोगों को समझ में नहीं आती लेकिन लोगों के जीवन के लिए संकट बनी हुई है। जब PM₂.₅/PM₁₀ जैसे सूक्ष्म कण उच्च मात्रा में हों, तो ये फेफड़ों में पहुंचकर इंफेक्शन, ब्रोंकाइटिस, अस्थमा बढ़ना, या लंबे समय में क्रॉनिक लंग डिजीज का जोखिम बढ़ा देते हैं। यह जान के लिए खतरनाक हैं। फर्क केवल इतना है कि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टर फेफड़ों में संक्रमण से मृत्यु लिखता है, प्रदूषण से मृत्यु नहीं लिखता।
धूल के कारण यह जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं
धूल के कारण फेफड़ों में संक्रमण (Infection) और उसके साथ बुखार आने की स्थिति को सामान्य भाषा में धूल से होने वाला फेफड़ों का इंफेक्शन कहा जाता है, लेकिन चिकित्सकीय रूप से यह अलग-अलग स्थितियों के अनुसार अलग नामों से जाना जाता है:
1. Hypersensitivity Pneumonitis (HP) - धूल/कणों से होने वाली फेफड़ों की सूजन
जब धूल, मिट्टी, फंगस, या ऑर्गेनिक पार्टिकल्स के कारण फेफड़ों में एलर्जिक प्रकार की सूजन हो जाए तो इसे HP कहते हैं।
लक्षण: बुखार, सांस फूलना, खांसी और सीने में भारीपन
2. Pneumonia - न्यूमोनिया
अगर धूल में मौजूद बैक्टीरिया/वायरस फेफड़ों को संक्रमित कर दें तो फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है।
लक्षण: तेज बुखार, खांसी (कभी-कभी बलगम), सांस लेने में कठिनाई, कमजोरी
3. Acute Bronchitis - तीव्र ब्रोंकाइटिस
धूल से वायुमार्ग में सूजन हो जाए और उसके साथ हल्का बुखार हो तो यह ब्रोंकाइटिस भी हो सकता है।
लक्षण: सूखी या बलगमी खांसी, हल्का बुखार, गले में खराश, सीने में जलन
4. Pneumoconiosis (अगर लंबे समय तक धूल में काम किया हो)
यह लंबे समय तक धूल, मिट्टी, सीमेंट, कोयला, सिलिका आदि की धूल में काम करने वाले लोगों में होता है।इसके साथ बुखार कम होता है लेकिन सांस फूलने की समस्या धीरे-धीरे बढ़ती है।
अगर अचानक धूल में एक्सपोज़र के बाद खांसी + बुखार + सीने में जलन हुआ है, तो सबसे ज्यादा संभावना होती है: Acute Bronchitis या Allergic Pneumonitis.
आगरा में धीरेंद्र कृष्ण, बाहुबली राजा भैया का हाथ पकड़ कर चलते दिखाई दिए
बागेश्वर के धीरेंद्र कृष्ण गर्ग की सनातन एकता पदयात्रा का आज आठवां दिन है। लगातार तीसरे दिन उनकी तबीयत बिगड़ गई है। बुखार, बीपी और सांस लेने में तकलीफ की वजह से उन्होंने बीच सड़क पर ही आराम किया। धीरेंद्र शास्त्री सड़क पर लेटे नजर आए। लोगों ने उन्हें गमछे से हवा किया। इससे पहले मथुरा में दूसरे दिन बाहुबली राजा भैया, धीरेंद्र शास्त्री का हाथ पकड़कर चलते दिखे। दोनों ने हाथ उठाकर जयकारे भी लगाए। सड़क पर बैठकर खाना खाया। इसके अलावा महाकुंभ से चर्चा में आईं हर्षा रिछारिया भी पहुंची हैं।
इसी बीच धीरेंद्र गर्ग ने कहा-
उनके पढ़े-लिखे डॉक्टर भी बम फोड़ते हैं। बताइए, उस डॉक्टर को क्या कमी है? पैसा भी खूब था, 8 एकड़ जमीन थी, बंगला था। फिर भी वह क्या कर रहा है? क्योंकि उनकी तालीम यानी शिक्षा नीति में लिखा है कि अगर तुम ऐसा करोगे तो 72 हूरों के पास जाओगे।”
मथुरा में 55 किलोमीटर लंबी यात्रा चार दिन में पूरी होगी और 16 नवंबर को इसका समापन होगा। गुरुवार को दिल्ली और हरियाणा होते हुए यात्रा मथुरा बॉर्डर से यूपी में दाखिल हुई थी। प्रवेश के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “यूपी में हम ज्यादा सुरक्षित हैं। हमें डरने की जरूरत नहीं है… पता नहीं कब गाड़ी पलट जाए।”
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