MP TRIBAL की असिस्टेंट कमिश्नर रंजना सिंह की पोल खोल, अपमान की चिट्ठी वायरल

भोपाल, 15 नवंबर 2025
: भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर रतलाम के जनजातीय कार्य विभाग की वायरल चिट्ठी को विभाग की तरफ से टाइपिंग एरर बताया गया है लेकिन विचार करना जरूरी है कि क्या यह केवल एक मानवीय त्रुटि है या फिर किसी ने पूरी प्लानिंग के साथ असिस्टेंट कमिश्नर रंजन सिंह की पोल खोल दी है। 

रतलाम में आदिवासियों के डिपार्टमेंट ने भगवान बिरसा मुंडा का अपमान कर दिया

दरअसल, जनजातीय कार्य विभाग, रतलाम की ओर से जारी एक आधिकारिक पत्र में जननायक बिरसा मुंडा के नाम की जगह ‘बिरसा गुंडा’ लिख दिया गया। यह पत्र डिपार्टमेंट के व्हाट्सएप ग्रुप में डाला गया था लेकिन जल्द ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा की कुछ कार्यकर्ताओं ने, विभाग कार्यालय के बाहर आदिवासियों के सर्वोच्च नेता बिरसा मुंडा का अपमान करने वाले विभागीय अधिकारियों का पुतला दहन किया और इसे आदिवासी अस्मिता पर चोट बताया। विरोध प्रदर्शन को दिनेश माल और ध्यानवीर डामोर लीड कर रहे थे। 

मैं तो छुट्टी पर गई थी चिट्ठी प्रभारी ने जारी की है: रंजना सिंह

Tribal Welfare Department की असिस्टेंट कमिश्नर रंजन सिंह ने 9 नवंबर की चिट्ठी के बारे में 14 नवंबर को स्पष्टीकरण जारी किया। रंजना सिंह ने लिखा कि मैं तो छुट्टी पर थी। प्रभारी अधिकारी ने ऑफिस टाइम के बाद शाम को 7:08 बजे, हॉस्टल के ग्रुप पर यह पत्र पोस्ट किया गया था। पत्र पर प्रभारी अधिकारी के ही हस्ताक्षर हैं। जब गलती का पता चला तो पत्र को ग्रुप से डिलीट कर दिया या और गलती को सुधार कर फिर से पत्र पोस्ट किया गया। 

इन सवालों के जवाब चाहिए
यह टाइपिंग की गलती नहीं है बल्कि स्पष्ट नजर आता है कि टाइपिंग करने वाले ने जानबूझकर गलती की और अपने अधिकारी को एक्सपोज कर दिया। इस गलती ने स्पष्ट किया कि अधिकारी अपना निर्धारित काम नहीं कर रहे हैं बल्कि कुछ और कर रहे हैं। कुछ और करने में इतने व्यस्त हैं कि वह डिपार्टमेंट्टल सर्कुलर को भी ध्यान से नहीं पढ़ते। 
जब यह पत्र विभाग के व्हाट्सएप ग्रुप पर डाला गया था तो सोशल मीडिया पर वायरल कैसे हो गया। क्या व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्य, अपने विभाग और मध्य प्रदेश शासन के प्रति निष्ठावान नहीं है। या फिर उन्होंने भी यही साबित किया है कि, डिपार्टमेंट की बैंड बाजी हुई है और अधिकारी कुछ और करने में व्यस्त है। 

असिस्टेंट कमिश्नर रंजना सिंह की छुट्टियों की जांच होनी चाहिए। यह भी पता लगाया जाना चाहिए कि रंजना सिंह छुट्टी लेकर क्या करती है। क्या प्रभारी अधिकारी ने पत्र जारी करने से पहले रंजना सिंह को व्हाट्सएप किया था, यदि हां तो रंजना सिंह ने क्या रिप्लाई किया था। या फिर रंजना सिंह, यह सब काम करती ही नहीं है बल्कि वह कुछ और करती है।
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