MP NEWS: बीना में उपचुनाव की तैयारी शुरू, निर्मला की मुख्यमंत्री से मुलाकात

भोपाल, 15 नवंबर 2025
: मध्य प्रदेश की बिना विधानसभा में उपचुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। भाजपा के लिए काम कर रही कांग्रेस की विधायक निर्मला सप्रे की शुक्रवार को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के साथ मुलाकात हुई। इससे पहले हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी किया था। पूछा था कि निर्मला सप्रे के मामले में आप इतने लापरवाह क्यों हैं। 

फ्लैशबैक
कांग्रेस पार्टी की महिला नेता एवं बीना विधानसभा की विधायक निर्मला सप्रे ने, लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान सागर जिले के राहतगढ़ कस्बे में दिनांक 5 में 2024 को सीएम डॉ. मोहन यादव, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के हाथों भाजपा का गमछा गले में डाला। मंच से यह ऐलान किया गया कि निर्मला सप्रे ने बीजेपी जॉइन कर ली है। सप्रे ने भी कहा कि वे बीना के विकास के लिए बीजेपी के साथ आई हैं। लेकिन इसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया। भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण नहीं की। इसी बात को लेकर विवाद है। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि निर्मला सप्रे भाजपा में शामिल हो गई है, कांग्रेस पार्टी के कार्यक्रम में आना बंद कर दिया है। कांग्रेस पार्टी की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। 

बीना विधायक निर्मला सप्रे मामले में लेटेस्ट अपडेट

सागर जिले के बीना विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीती विधायक निर्मला सप्रे के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश सरकार और निर्मला सप्रे को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की याचिका पर सुनवाई की। विधानसभा स्पीकर से पूछा कि इस मामले में क्या कार्रवाई की गई? मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी। हाई कोर्ट की कार्रवाई को रोकने के लिए, विधानसभा अध्यक्ष के वकील ने तर्क दिया कि इस मामले की सुनवाई डिवीजन बेंच में नहीं हो सकती। इस तर्क को खारिज करते हुए कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी कर पूछा है कि निर्मला को दलबदल मामले में अयोग्य घोषित करने वाली याचिका पर 90 दिन में निर्णय करना चाहिए था, लेकिन 16 महीनों में निर्णय क्यों नहीं किया? कोर्ट ने 18 नवंबर तक विधानसभा अध्यक्ष, निर्मला सप्रे और एमपी सरकार से जवाब मांगा है। 

हाई कोर्ट के नोटिस के बाद एक बार स्पष्ट हो गई है कि, अब मामले का डिसीजन लेना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में बिना विधानसभा में डिसीजन के 6 महीने बाद उपचुनाव करवाने होंगे। इसलिए सरकार की तरफ से विधानसभा उपचुनाव की तैयारी शुरू हो गई है।
बीना विधानसभा के लिए 150 से ज्यादा विकास कार्यों की मंजूरी दे दी गई है और यह कम अब लगातार जारी रहेगा। बीना विधानसभा में जब उपचुनाव होंगे तो लोगों को विकास कार्य दिखाई दे रहा होगा। भाजपा के रूठे कार्यकर्ताओं को मनाने की जिम्मेदारी गौरव रणदिवे को दी गई है। बैकअप के लिए प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और संगठन महामंत्री हितानंद हमेशा उपलब्ध रहेंगे। सरकार में अभी निगम निकाय के अध्यक्षों की नियुक्ति बाकी है। बड़े नेता को राज्य मंत्री का दर्जा दे दिया जाएगा।
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