भोपाल, 15 नवंबर 2025: मध्य प्रदेश की राजधानी में 500 रुपये के फेक नोट्स का अवैध धंधा तेजी से फैल रहा था। शहर के बाजारों में घूम रहे इन नकली नोट्स को यहीं करोंद इलाके के मुरली नगर में छापा जा रहा था, और फिर आम दुकानदारों के हाथों खपाया जा रहा था। दुकानदारों की सक्रियता के कारण पकड़ा गया। उसके घर में ही एक पूरा अनलॉफुल प्रिंटिंग प्रेस तैयार था, जहां से लाखों के नोट बाजार में चलाए जा चुके थे।
करोंद के दुकानदारों की सक्रियता से पकड़ा गया
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, विवेक यादव, जो महज 10वीं पास है, ने इस क्राइम को अंजाम देने के लिए विदेशी किताबों का सहारा लिया। ऑनलाइन खरीदी गई स्पेशल मटेरियल से वह प्रोफेशनल तरीके से नोट्स तैयार कर रहा था। करोंद इलाके के कुछ अलर्ट दुकानदारों ने संदिग्ध गतिविधियों की सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत छापा मारा। आरोपी के कब्जे से करीब 2 लाख रुपये के 500-500 के नकली नोट्स बरामद हुए हैं। पूछताछ में खुलासा हुआ कि वह पिछले एक साल में लगभग 6 लाख रुपये के नोट्स को सर्कुलेट कर चुका था, हर नोट को अलग-अलग दुकानों पर 500-500 के हिसाब से खपा रहा था।
भोपाल में नकली नोट छापने के लिए 30 लाख की मशीन और कच्चा माल मिला
घर के अंदर छिपा था पूरा सेटअप: जांच में पता चला कि आरोपी ने अपने आवास में ही एक फुल-फ्लेज्ड प्रिंटिंग यूनिट बना ली थी। उसके पास नोट छापने का हर जरूरी इक्विपमेंट था, और रॉ मटेरियल की कीमत ही करीब 30 लाख रुपये आंकी गई है। पुलिस अब सख्ती से इंटरोगेशन कर रही है, ताकि इस नेटवर्क के अन्य लिंक्स भी सामने आ सकें। यह मामला न सिर्फ लोकल इकॉनमी को प्रभावित कर रहा था, बल्कि देश की करेंसी सिस्टम की साख को भी चुनौती दे रहा था।
भोपाल पुलिस ने अपील की है कि नागरिक संदिग्ध नोट्स मिलने पर तुरंत सूचना दें, ताकि ऐसे क्राइम को जड़ से उखाड़ा जा सके। यह कार्रवाई एक बार फिर साबित करती है कि कम्युनिटी अलर्ट कैसे क्राइम को कंट्रोल कर सकता है।
