Madhya Pradesh: जल-जीवन मिशन के कार्यों में गड़बड़ी पर मुख्य सचिव की बड़ी कार्रवाई

  • जल-जीवन मिशन कार्यों में अनियमितता बरतने पर 280 एजेंसिया ब्लैक लिस्ट
  • 22 ठेकेदार ब्लेक लिस्ट, अनुबंध निरस्त
  • गलत डीपीआर बनाने वाले 141 अधिकारियों और 187 एजेंसियों को नोटिस
  • टेंडर प्रक्रिया का उल्लंघन करने वाले 10 अधिकारियों के विरूद्ध भी कार्यवाही
  • फर्जी बैंक गांरटी के मामले मे ठेकेदार टर्मिनेट और प्रकरण सी.बी.आई को सौंपा
  • अब तक 30 करोड़ की पेनाल्टी भी लगाई गयी
  • पुनरीक्षण योजना परीक्षण समिति गठित
  • 8358 एकल ग्राम नल-जल योजना का परीक्षण
  • मुख्य सचिव श्री जैन ने की जल-जीवन मिशन के क्रियान्वयन की समीक्षा 
  • जल-जीवन मिशन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
  • प्रदेश के 72 प्रतिशत से अधिक घरों मे नल से जल कनेक्शन 

भोपाल, मंगलवार, नवम्बर 25, 2025: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के हर घर नल से जल के साथ खुशियां भी पहुंचाने के विजन और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मिशन को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी पूरी तत्परता के साथ पूर्ण करने में सक्रिय हैं। मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने मंगलवार को मंत्रालय में जल जीवन मिशन के कार्यों की सूक्ष्मता से समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जल जीवन मिशन की शेष योजनाओं में कार्य की गति तेज़ करते हुए हर ग्राम के हर घर तक स्वच्छ जल पहुंचाने के लक्ष्य को समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए। गुणवत्ता नियंत्रण एवं नियमित पुनरीक्षण की सभी प्रक्रियाओं को मजबूती से लागू किया जाए। शासन की मंशा है कि जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और गुणवत्ता सर्वोच्च प्राथमिकता रहे तथा किसी भी स्तर पर लापरवाही के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अख्तियार की जाए। उन्होंने अब तक 80 लाख 52 हजार 82 घरों तक नल कनेक्शन दिए जाने के कार्य पर संतोष व्यक्त किया। बैठक में बताया गया कि यह प्रगति 72 प्रतिशत से अधिक है और मध्यप्रदेश देश में अग्रणी राज्य बन रहा है।

प्रमुख सचिव श्री पी. नरहरि ने बताया कि विभाग द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे है कि जल जीवन मिशन का कार्य पूर्ण गुणवत्ता के साथ समय - सीमा में पूर्ण हों एवं किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता न हो। कार्यों के क्रियान्वयन में विलंब करने के कारण अभी तक विभाग द्वारा कुल 280 एजेंसियों को ब्लैकलिस्ट किया गया है। साथ ही 22 ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टिंग के साथ उनके अनुबंधों को निरस्त करने की कार्यवाही की गई है। जल जीवन मिशन के कार्यों में गुणवत्ताविहीन सामग्री आपूर्ति तथा निविदा प्रक्रिया का उल्लंघन करने वाले 10 अधिकारियों के विरूद्ध भी अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है। फर्जी बैंक गारंटी जमा करने का मामला जब विभाग के संज्ञान में आया तो उस ठेकेदार के विरूद्ध विभाग ने न केवल टर्मीनेशन की कार्यवाही की बल्कि ठेकेदार के विरूद्ध सी.बी.आई. में केस भी दर्ज कराया है। विभाग ने अब तक लगभग 30 करोड़ की पेनाल्टी भी एजेंसियों पर लगाई है।

मुख्य सचिव के निर्देशानुसार प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री पी. नरहरिद्वारा पुनरीक्षित योजनाओं के योजनावार परीक्षण के लिए संबंधित मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में जिलेवार पुनरीक्षण योजना परीक्षण समिति का गठन किया गया था, जिसमें जल निगम के अधिकारियों को भी सम्मिलित किया गया। इस समिति द्वारा 8358 एकल ग्राम नल जल योजनाओं की पुनरीक्षित योजनाओं का योजनावार परीक्षण किया गया। समिति के प्रतिवेदन पर शासन ने जल जीवन मिशन जैसे जनजीवन से जुडे महत्वपूर्ण कार्यों में भी लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए कठोर प्रशासनिक रूख अपनाया और उपयंत्री से लेकर कार्यपालन यंत्री स्तर तक के 141 अधिकारियों को ग्रामों की मूल योजनाओं की त्रुटिपूर्ण डी.पी. आर. तैयार करने के कारण "कारण बताओ सूचना पत्र" जारी किए गए हैं एवं डी.पी.आर तैयार करने वाली 187 एजेंसियों को नोटिस जारी किए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में वर्ष 2020 से जल जीवन मिशन संचालित है, जिसके अंतर्गत प्रदेशभर में भू-जल स्त्रोत आधारित एकल ग्राम नल जल योजनाएं एवं सतही जल स्त्रोत आधारित समूह जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन प्रत्येक ग्रामीण परिवार तक क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन से स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इस महत्त्वपूर्ण मिशन अंतर्गत कुछ एकल ग्राम नल जल योजनाओं में कुछ मजरे, पारे, टोलों के छूट जाने का मामला संज्ञान में आया था, जिसके फलस्वरूप कुछ ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन प्राप्त न होने की शिकायतें आ रही थीं। इस समस्या और शिकायत मॉग के संदर्भ में मुख्य सचिवश्री अनुराग जैन ने निर्देश दिए थे कि एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं के पुनरीक्षित होने के कारणों का योजनावार परीक्षण और सत्यापन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं मध्यप्रदेश जल निगम के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कराया जाए। साथ ही यह निर्देश दिए गए थे कि जिन ग्रामों की मूल योजनाओं की डी.पी. आर. तैयार करने में मैदानी अधिकारियों द्वारा लापरवाही की है, उनके विरूद्ध कार्यवाही भी की जाए।

स्पष्ट किया गया है कि जल जीवन मिशन की किसी भी योजना में गुणवत्ता और पारदर्शिता से समझौता नहीं किया जाएगा और इस कार्य में संलग्न सभी अधिकारी एवं एजेंसियाँ पूरी तरह जवाबदेह होंगी। विभाग ने रोड रीस्टोरेशन के कार्यों को भी उच्च प्राथमिकता दी है तथा इसकी नियमित समीक्षा की जा रही है एवं गुणवत्तायुक्त कार्य सुनिश्चित किया जा रहा है।

बैठक में बताया गया कि विगत एक वर्ष से केंद्र से राशि प्राप्त होने की प्रत्याशा में राज्य शासन द्वारा अपने बजट से ही इन कार्यों को पूर्ण कर देश में अग्रणी राज्य बनने का गौरव प्राप्त किया है।
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