2026 में शुरू करें ₹1 करोड़ का बिजनेस: नई मशीन के साथ बड़ा ब्रांड, 8-10 महीने में निवेश वापस

प्लास्टिक पर बैन लग गया है। सरकार इको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स को बढ़ावा दे रही है। अमेज़न-फ्लिपकार्ट पर “Natural Broom” सर्च करो तो 1 मिनट में 50-60 ऑर्डर बिकते दिखते हैं और सबसे बड़ी बात – अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और श्रीलंका में भारतीय नारियल-ताड़ की झाड़ू की भारी डिमांड है। इसी मौके को भुनाने के लिए आज मैं आपको एक ऐसा बिजनेस आइडिया बता रहा हूँ जिसे आप 2026 में शुरू करके पहले साल में ही 18-30 लाख रुपये महीना प्रॉफिट कमा सकते हैं।

बिजनेस का नाम: आप चुन लीजिए

- EcoBroom India  
- PalmBrush  
- CocoClean  
- NaturalSweep

प्रोडक्ट क्या बनाएँगे?

एक ही मशीन से ये सारे प्रोडक्ट बन जाएँगे:
- घरेलू नारियल-ताड़ की झाड़ू (Soft + Hard)
- डिश वॉश ब्रश, पॉट स्क्रबर
- फ्लोर स्क्रब ब्रश
- बाथरूम क्लीनिंग ब्रश
- गार्डन ब्रश
- एक्सपोर्ट क्वालिटी लॉन्ग हैंडल ब्रूम

मशीन का नाम

Meixin 5-Axis 2Drilling 1Tufting Brush Making Machine  
(खास तौर पर कोकोनट और पामायरा फाइबर के लिए बनी है)

भारत में सबसे अच्छी जगह

1. पोल्लाची (तमिलनाडु) → देश का 80% पामायरा फाइबर यहीं  
2. अलप्पुझा (केरल) → कोकोनट फाइबर का हब  
3. ओंगोल/नेल्लोर (आंध्र) → सबसे सस्ता कच्चा माल
कच्चा माल: ₹5-10 प्रति किलो (आपके घर के सामने मिलेगा)

कुल निवेश कितना?

तमिलनाडु-केरल में कोकोनट/ताड़ क्लस्टर स्कीम के तहत 25-35% सब्सिडी तुरंत मिल रही है।

प्रॉफिट कितना होगा?

एक मशीन (8 घंटे चलाने पर):
- रोज़ 4000-5000 झाड़ू
- बिक्री मूल्य ₹45-55 (लोकल), ₹70-90 (एक्सपोर्ट)
- महीने का टर्नओवर: ₹60-80 लाख
- शुद्ध प्रॉफिट: ₹18-30 लाख (30-40% मार्जिन)

दूसरे साल में 2 मशीनें लगा दीं तो प्रॉफिट ₹50-60 लाख/माह तक जा सकता है।

बिक्री कहाँ होगी?

1. Amazon, Flipkart, Meesho (Eco-friendly ब्रांड बनाकर)
2. IndiaMART → B2B ऑर्डर
3. अफ्रीका-मिडिल ईस्ट एक्सपोर्ट (50-60% मार्जिन)
4. चेन्नई, कोयंबटूर, कोची के होलसेल मार्केट
5. होटल-हॉस्पिटल-स्पा को डायरेक्ट सप्लाई

जरूरी लाइसेंस (10 दिन में हो जाएँगे)

- Udyam Registration (मुफ्त) → सब्सिडी के लिए
- GST
- फैक्ट्री लाइसेंस
- पॉल्यूशन NOC (White category – बहुत आसान)
- IEC कोड (एक्सपोर्ट के लिए)

कौन शुरू कर सकता है?

- जो पहले से कोकोनट/ताड़ का व्यापार करता हो।
- कोई भी ग्रेजुएट जिसके पास 70-80 लाख रुपये हों (50% बैंक लोन भी मिल जाएगा)
- मौजूदा मैनुअल झाड़ू बनाने वाले (अपग्रेड कर लो भाई!)
- NRI या युवा जो सस्टेनेबल बिजनेस करना चाहते हैं।

8-10 महीने में निवेश वापसी, दूसरे साल से करोड़पति वाला खेल

2025-2030 तक भारत में प्लास्टिक की झाड़ू पर पूरी तरह बैन लगने की संभावना है। जो आज इस बिजनेस में घुस जाएगा, वो अगले 10 साल तक राज करेगा। अगर आप तमिलनाडु, केरल या आंध्र में हैं और यह बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो सबसे पहले 15-20 दिन का ग्राउंड सर्वे करें। पोल्लाची या अलप्पुझा में मौजूदा 10-15 फैक्ट्री मालिकों से मिलिए – वो आपको सच्चाई बताएँगे।

मैंने कई लोगों को यह बिजनेस सेटअप करते देखा है। सब यही कहते हैं –  
“पहले साल थोड़ी मेहनत, उसके बाद पैसा अपने आप आता है!”
इस पोस्ट को अपने दोस्तों-रिश्तेदारों में शेयर जरूर करें – किसी का भविष्य बन सकता है!
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