जबलपुर, 21 नवम्बर 2025: आज 21 नवंबर 2025 को मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में सिविल जज भर्ती से जुड़े केस WP 40833/2025 की सुनवाई हुई। माननीय चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया।
कोर्ट का ध्यान इस बात पर गया कि 191 कुल पदों में से एसटी कैटेगरी का एक भी कैंडिडेट सिलेक्ट नहीं हुआ, जबकि एससी कैटेगरी से महज एक अभ्यर्थी ही सफल हो पाया। बेंच ने इसे reservation justice का बड़ा सवाल माना और हाई कोर्ट के एग्जाम सेल को तुरंत निर्देश दिए कि:
- एससी और एसटी कैंडिडेट्स के लिए mains exam में क्वालीफाइंग मार्क्स को 45% और 40% मानते हुए रिवाइज्ड लिस्ट तैयार की जाए।
- इंटरव्यू के मिनिमम क्वालीफाइंग मार्क्स (20 अंक) में भी जरूरी रिलैक्सेशन देकर नई merit तैयार हो।
खास तौर पर एसटी के 121 बैकलॉग सहित कुल पदों के खिलाफ जीरो सिलेक्शन पर कोर्ट ने गहरी चिंता जताई और इसे constitutional mandate का उल्लंघन माना।
याचिकाकर्ताओं की तरफ से सीनियर एडवोकेट रामेश्वर सिंह ठाकुर और एडवोकेट पुष्पेंद्र कुमार शाह ने कोर्ट के सामने रखा कि एग्जाम सेल लगातार reservation policy को इग्नोर कर रहा है। अनरिजर्व्ड कैटेगरी के बैकलॉग पोस्ट तक दे दिए जाते हैं, लेकिन रिजर्व्ड कैंडिडेट्स को न तो कट-ऑफ में कोई छूट मिलती है और न ही mains और interview में उन्हें fair marking ही दी जाती। जानबूझकर कम मार्क्स देकर उन्हें सिलेक्शन से बाहर रखा जा रहा है।
कोर्ट ने एग्जाम सेल को शॉर्ट टाइमफ्रेम में रिवाइज्ड लिस्ट पेश करने को कहा है। अगली डेट जल्द तय होगी। यह केस अब पूरे देश में रिजर्वेशन के सही इम्प्लीमेंटेशन की एक बड़ी मिसाल बनता दिख रहा है।
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