5.2 लाख फ़ॉलोअर वाले ncert.gyan नामक इंस्टाग्राम पेज के एडमिन, माखनलाल यूनिवर्सिटी भोपाल के स्टूडेंट एवं भोपाल के पत्रकार दिव्यांश चौकसे की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। उसकी बॉडी में चोट के 28 निशान मिले हैं, उसके सिर की हड्डी में और जबड़े में भी फ्रैक्चर मिला। जबकि यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट का कहना है कि वह दुर्घटनवश तीसरी मंजिल से नीचे गिर गया था।
MCU BHOPAL का मामला
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (MCU) की तीसरी मंजिल से गिरकर छात्र दिव्यांश चौकसे की मौत हो गई। वह मूल रूप से रायसेन का रहने वाला था और भोपाल में पढ़ाई के साथ एक अखबार में नौकरी भी कर रहा था। इंस्टाग्राम चैनल पर भी एक्टिव था, जिससे उसकी अच्छी अर्निंग होती थी।शुक्रवार रात को इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया था। इसके बाद हमीदिया अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कराया गया, जिसमें उसके शरीर पर चोटों के 28 निशान मिले हैं। चेहरा एक तरफ से पूरी तरह से बिगड़ गया। सिर की हड्डी और जबड़े में फ्रैक्चर हो गए।
पुलिस निष्पक्ष जांच करे, सच्चाई सामने आना चाहिए
बड़े भाई मनोज चौकसे का कहना है कि हमें पहली बार में ही झूठी सूचना दी गई। बताया गया कि दिव्यांश का एक्सीडेंट हो गया है और उसकी मौत हो गई। भोपाल आए तो पता लगा कि वह जिंदा है और उसकी हालत नाजुक है। दिव्यांश किसी सड़क हादसे में घायल नहीं हुआ था। वह यूनिवर्सिटी की छत से गिरा था। हम बस न्याय चाहते हैं। निष्पक्ष जांच कर पुलिस केस को अंजाम तक पहुंचाए। हम तो यहां थे नहीं, ऐसे में पता नहीं असल घटना क्या हुई? लेकिन अगर भाई के साथ कुछ गलत हुआ तो सच्चाई सामने आना चाहिए।
क्लास बंक करके पकड़ा-पकड़ी खेल रहे थे?
मास कॉम फर्स्ट ईयर का छात्र दिव्यांश चौकसे की मृत्यु के बारे में यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट और उसके क्लास के स्टूडेंट्स के अलग-अलग बयान सामने आए हैं। यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट का कहना है कि, गुरुवार सुबह (30 अक्टूबर) क्लास से ब्रेक लेकर बालकनी की तरफ गया था। इसी दौरान वह तीसरी मंजिल से नीचे गिर गया। छात्रों और फैकल्टी ने दिव्यांश को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया था। जबकि साथी छात्रों ने बयानों में खेलते हुए गफलत में रेलिंग फांदने से गिरने की बात बताई है। छात्रों का कहना है कि आपस में पकड़ा-पकड़ी खेल रहे थे।
कितनी अजीब बात है, यूनिवर्सिटी और मैनेजमेंट और क्लास के स्टूडेंट अलग-अलग बात बता रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट, अपने स्टूडेंट को पकड़ा-पकड़ी खेलने के लिए क्लास से ब्रेक देता है। यदि पुलिस अस्पताल में दिव्यांश के बयान दर्ज कर ली थी तो शायद कोई खुलासा हो जाता, लेकिन पुलिस ने भी ऐसा नहीं किया।
मां-पिता दोनों हैं दिव्यांग
दिव्यांश के पिता रायसेन स्थित गांव में आटा चक्की चलाते हैं। उसकी मां गृहिणी हैं, मां-पिता दोनों ही दिव्यांग हैं। यही कारण है कि घटना की सूचना के बाद भी दोनों भोपाल नहीं आ सके। उसके मामा और दोनों भाई यहां आए और उनकी मौजूदगी में पीएम कराया गया। इस दौरान पीएम हाउस में दिव्यांश के साथी छात्र भी मौजूद थे।
.webp)