भोपाल, 28 नवंबर 2025: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है। इसमें कुछ लोग एक युवक को मारते हुए घसीट कर कमरे में ले जा रहे हैं। बताया गया है कि यह वीडियो फार्मेसी काउंसिल के राजधानी भोपाल स्थित स्टेट ऑफिस का है। फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष सहित अन्य सरकारी कर्मचारियों ने फार्मेसी के स्टूडेंट को बेरहमी से पीटा, घसीटा और कमरे में बंद करके फिर से पीटा। उसका निजी अंग घायल कर दिया। यह सब कुछ इसलिए किया क्योंकि वह अपने रजिस्ट्रेशन के रेनवाल में रिश्वत देने को तैयार नहीं था।
फार्मेसी काउंसिल ऑफिस में रिश्वत नहीं दी तो घसीट कर मारा
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अचानक हुई इस घटना से कार्यालय परिसर में अफरा-तफरी मच गई। वहीं पीड़ित युवक मॉब लिंचिंग के बाद इतना डर गया है कि, इस पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराने की तैयारी में है।घटना का एक अन्य वीडियो सामने आया है जिसमें में छात्र रोते हुए बता रहा है कि उसका नाम तुषार सुनार है। फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष संजय जैन, केके यादव, गोपाल यादव और अन्य अधिकारियों ने उसके साथ मारपीट की है। उसे घसीटकर अंदर ले गए। उसके निजी अंग पर भी चोट लगी और खून बह रहा है।
— Bhopal Samachar (@BhopalSamachar) November 28, 2025
तुषार ने बताया कि गार्ड ने उसका कॉलर पकड़कर धक्का दिया। जब उसने खुद को छुड़ाया तो गार्ड पीछे की ओर गिर गया और चैनल से टकराया। इसके बाद पूरा स्टाफ बाहर आया और तुषार के अनुसार सभी अधिकारी उसे घेरकर मारने लगे। घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने भी इसकी पुष्टि की कि पहले गार्ड ने कॉलर पकड़ा और फिर मारपीट शुरू हुई।
तुषार ने यह भी कहा कि उसने अपनी सुरक्षा के लिए वीडियो रिकॉर्ड करना शुरू किया ताकि सबूत मौजूद रहे। लेकिन वीडियो बनते देख अधिकारी नाराज हो गए। उसका फोन छीन लिया गया और वीडियो डिलीट करने का दबाव बनाया गया। उसे घसीटकर कमरे में बंद किया गया। अध्यक्ष संजय जैन खुद मारपीट कर रहे थे। वायरल फुटेज में 3-4 लोग तुषार को जमीन पर घसीटते हुए अंदर ले जाते स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं।
पब्लिक बोली- पुलिस खड़ी देखती रही
घटना के दौरान मौके पर मौजूद लोगों ने कहा कि वहां एक पुलिसकर्मी मौजूद था, लेकिन उसने तुषार को बचाने की कोशिश नहीं की। अधिकारी युवक को पुलिस के हवाले करने के बजाय खुद ही “सजा देने” में लगे रहे। एक महिला प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि अधिकारी धमकी दे रहे थे कि अगर कोई वीडियो बनाएगा तो उसका रजिस्ट्रेशन या रिनुअल नहीं किया जाएगा। तुषार के परिवार ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि फार्मेसी काउंसिल अध्यक्ष संजय जैन समेत अन्य अधिकारी केके यादव, गोपाल यादव और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज हो और कड़ी कार्रवाई की जाए।
लंबे समय से कई कार्य अटके पड़े
फार्मेसी के छात्रों का कहना है कि काउंसिल में लंबे समय से कई कार्य अटके पड़े हैं, इसी वजह से आवेदक परेशान होकर बार-बार कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। फार्मेसी काउंसिल प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
समाचार का सार और निष्कर्ष
फार्मेसी का स्टूडेंट तुषार इंदौर से अपने रजिस्ट्रेशन का रिनुअल करवाने के लिए आया था। घटना के समय कैंपस में रजिस्ट्रेशन का रिनुअल करवाने के लिए और भी कई फार्मेसी स्टूडेंट मौजूद थे। स्टूडेंट्स ने बताया कि फार्मेसी काउंसिल में बिना रिश्वत के रजिस्ट्रेशन का रिनुअल नहीं किया जा रहा है। बहुत सारे मामले पेंडिंग पड़े हुए हैं। तुषार रिश्वत देने को तैयार नहीं था। इस मामले में उसने काउंसिल के अध्यक्ष से मिलने की कोशिश की। इसी दौरान सिक्योरिटी गार्ड ने तुषार की कॉलर पकड़ के उसे धक्का दिया। आत्मरक्षा में तुषार ने सिक्योरिटी गार्ड को धक्का दिया। इसके बाद जो कुछ हुआ वीडियो में दिखाई दे रहा है।
एनएसयूआई का कड़ा विरोध,अध्यक्ष की नेम प्लेट पर कालिख पोती
घटना के बाद शुक्रवार को एनएसयूआई ने काउंसिल अध्यक्ष संजय जैन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार और जिलाध्यक्ष अक्षय तोमर के नेतृत्व में कार्यकर्ता फार्मेसी काउंसिल कार्यालय पहुंचे और संजय जैन की नेम प्लेट पर कालिख पोतकर उनका सार्वजनिक विरोध दर्ज कराया। एनएसयूआई का आरोप है कि अध्यक्ष संजय जैन ने स्वयं छात्र से बदसलूकी और मारपीट की तथा उसे कमरे में बंद करके धमकाया। संगठन का कहना है कि किसी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का इस तरह हिंसा में शामिल होना बेहद शर्मनाक है।
एनएसयूआई ने छह प्रमुख मांगें रखी
1. फार्मेसी काउंसिल अध्यक्ष संजय जैन को तुरंत पद से हटाया जाए।
2. छात्र तुषार से मारपीट, धमकी और बंद कर रखने के मामले में एफआईआर दर्ज की जाए।
3. घटना में शामिल कर्मचारियों और गार्डों की भूमिका की जांच हो।
4. काउंसिल कार्यालय के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित कर जांच में शामिल किए जाएं।
5. परिषदों में छात्रों के साथ होने वाले व्यवहार पर सख्त गाइडलाइन जारी हों।
6. छात्र पर दर्ज की गई एफआईआर वापस ली जाए।
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