ग्वालियर, 23 नवंबर 2025: मध्य प्रदेश के भिंड जिले में एक बार फिर पुलिस का वही बर्बरता पूर्ण चेहरा सामने आया है, जिसके कारण लोग पुलिस से नफरत करते हैं। एक सामान्य एक्सीडेंट के मामले में पुलिस ने दो पक्षों के खिलाफ मामला दर्ज किया लेकिन रात के समय अचानक ब्राह्मण परिवार के घर घुस गए। ब्राह्मण परिवार की महिलाओं को घसीटा, थाने लेकर आए। फिर महिलाओं को छोड़ दिया लेकिन पुरुषों को रात पर डंडे से पीटा। हालत इतनी गंभीर थी कि, शर्मा परिवार के दो सदस्य कोर्ट में अपने पैरों पर खड़े नहीं हो पा रहे थे। कोर्ट ने दोबारा मेडिकल करवाने के आदेश दिए हैं, इसके बावजूद पुलिस इंस्पेक्टर का कहना है कि शर्मा परिवार के लोग नाटक कर रहे हैं।
पहले छोटू ने टक्कर मारी फिर राहुल राजावत आ गया
मामला भिंड जिले के फूप थाना क्षेत्र का है। यहां शुक्रवार शाम सैनिक कॉलोनी निवासी विवेक शर्मा सब्जी खरीदने के लिए ठेले पर खड़ा था। उसी समय छोटू जाटव बाइक से आया और उसने विवेक को टक्कर मार दी। बदले में विवेक और उसके परिजन ने छोटू के साथ मारपीट कर दी। इसी दौरान एक पुलिस आरक्षक राहुल राजावत (बिना वर्दी के) मौके पर पहुंच गया। उसने छोटू जाटव का पक्ष लेते हुए विवेक शर्मा के परिवार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। इस दौरान विवेक शर्मा की बिना वर्दी के आए आरक्षक राहुल राजावत से बहस हो गई। बाद में पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ क्रॉस केस दर्ज कर लिया।
पुलिस रात में घर से महिलाओं और बच्चों को उठा लाई
इसके बाद रात को पुलिस, विवेक शर्मा के घर पहुंची। कई सदस्यों को थाने ले आई। इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। जबकि वह घटनास्थल पर उपस्थिति भी नहीं थे और ना ही FIR में आरोपी थे। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत सूर्यास्त के बाद महिलाओं और बच्चों को हिरासत में नहीं लिया जा सकता है फिर भी पुलिस ने ऐसा किया और शर्मा परिवार का आरोप है कि महिलाओं को घसीटते हुए घर से बाहर निकाल। यह सब कुछ शर्मा परिवार को अपमानित करने के लिए किया गया। बाद में महिलाओं-बच्चों को छोड़ दिया गया लेकिन विवेक शर्मा और उनके परिवार के प्रमोद शर्मा, अभिषेक शर्मा, दीपक शर्मा और सुरेश शर्मा को रातभर हवालात में रखा गया।
कोर्ट ने पुलिस के खिलाफ दोबारा मेडिकल जांच के आदेश दिए
आरोप है कि हवालात में पांचों के साथ जमकर मारपीट की गई, जिससे प्रमोद और दीपक को गंभीर चोटें आई हैं। पुलिस ने शनिवार को पांचों लोगों को कोर्ट के सामने पेश किया। यहां आरोपियों की हालत बेहद खराब दिखी। प्रमोद और दीपक चल भी नहीं पा रहे थे। प्रमोद ने अदालत को बताया कि हवालात में लाठी-डंडों से पिटाई की गई है। मेडिकल रिपोर्ट में भी प्रमोद के शरीर पर 11 गंभीर चोटों की बात लिखी थी। इसके मद्देनजर जज ने पुलिस द्वारा कराए गए मेडिकल चेकअप की रिपोर्ट को अमान्य मानते हुए पैनल बोर्ड से दोबारा मेडिकल कराने के निर्देश दिए। सभी को जमानत भी दे दी। कोर्ट परिसर से बाहर निकलते समय प्रमोद की हालत बिगड़ गई और वह सड़क पर गिर पड़ा। कहने लगा- अब चला नहीं जाता, मेरी पसलियां टूट गई हैं।
विवेक पक्ष के वकील हिमांशु शर्मा ने कहा,
'पुलिस ने हमारे पक्ष के लोगों के साथ बर्बरता की है। हवालात में उनकी लाठियों से पिटाई की गई, जिसका सबूत प्रमोद के शरीर पर मौजूद 11 चोटें हैं। पुलिस का रवैया पक्षपातपूर्ण रहा। पूरे मामले को एकतरफा बना दिया गया।'
महिलाओं को घसीटा, लेडी पुलिस भी नहीं थी
दीपक की पत्नी वसुंधरा देवी ने बताया कि पुलिस महिलाओं को घसीटते हुए गाड़ी में बैठाने का प्रयास कर रही थी। इस दौरान कोई भी महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थी। वहीं, बेटी प्रतिमा ने आरोप लगाया कि आरक्षक राहुल राजावत और राहुल सिकरवार ने उनके साथ खींचातानी की। राहुल ने मोबाइल छीनने का प्रयास भी किया। परिवार के सदस्यों ने बताया कि लगभग एक घंटे तक पुलिसकर्मियों ने घर के अंदर हंगामा किया।
टीआई ने कहा- नाटक कर रहे
भिंड कोर्ट द्वारा पुलिस को शक्ति दायरे में रखते हुए दोबारा मेडिकल करवाने के आदेश दिए जाने के बावजूद फूप थाना प्रभारी सत्येंद्र राजपूत का कहना है कि, 'यह एक साधारण एक्सीडेंट था, जिसे विवेक और उसके परिजन ने गंभीर रूप दिया। छोटू के साथ मारपीट की। वीडियो बना रहे युवक का मोबाइल छीना। सभी आरोपी उपद्रवी प्रवृत्ति के हैं। पुलिस ने किसी से मारपीट नहीं की, आरोपी केवल नाटक कर रहे हैं।'
एसडीओपी बोले- शर्मा परिवार शिकायत करेगा तो जांच करेंगे
एसडीओपी रविंद्र वास्कले ने कहा, 'न्यायालय ने पैनल बोर्ड से मेडिकल कराए जाने के निर्देश दिए हैं, उसी आधार पर दोबारा चेकअप कराया जाएगा। रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश की जाएगी। यदि किसी पक्ष द्वारा गलत व्यवहार या मारपीट की शिकायत की जाती है, तो पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।'
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