भोपाल, 23 नवंबर 2025: एसआईआर-2026 के दौरान गणना पत्रक भरने के लिए बीएलओ या किसी भी अन्य अधिकारी द्वारा किसी भी माध्यम से ओटीपी मांगे जाने की आवश्यकता नहीं है। यदि कोई कर्मचारी, अथवा उसका प्रतिनिधि, अथवा चुनाव अधिकारी द्वारा वोटर लिस्ट रिवीजन के काम के लिए बुलाए गए कॉलेज के स्टूडेंट अथवा किसी भी पॉलीटिकल पार्टी का कार्यकर्ता अथवा कोई भी अन्य व्यक्ति आपसे OTP मांगता है, किसी कागज पर साइन करने के लिए बोलता है या फिर फार्म में मांगी गई जानकारी के अलावा कुछ और मांगता है, तो तत्काल इसकी शिकायत करें।
माता-पिता या दादा-दादी की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त करने आधिकारिक वेबसाइट का एड्रेस
मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री संजीव कुमार झा ने मतदाताओं को सतर्क करते हुए बताया है कि वर्ष 2003 की मतदाता सूची में स्वयं, माता-पिता या दादा-दादी संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए मतदाता अपने क्षेत्र के बीएलओ अथवा नजदीकी हेल्पडेस्क से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा जानकारी ऑनलाइन voters.eci.gov.in या ceoelection.mp.gov.in पर भी प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने नागरिकों से अनुरोध किया है कि एसआईआर पत्रक भरते समय सुरक्षा उपायों का पालन करें। आधिकारिक सरकारी वेबसाइट पर ही एसआईआर भरें।
ये हैं सुरक्षा उपाय
ओटीपी या व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें। एसआईआर की प्रक्रिया में निर्वाचन विभाग या किसी अधिकारी द्वारा फोन/मैसेज पर ओटीपी, आधार नंबर, मोबाइल नंबर आदि मांगना प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है। यदि कोई इस तरह की जानकारी माँगता है तो वह 'साइबर फ्रॉड कॉल' हो सकता है। इसकी शिकायत अवश्य करें।
SIR FORM भरते समय इन बातों का रखें ध्यान
- एसआईआर प्रक्रिया पूरी तरह निःशुल्क है। किसी भी प्रकार की फीस, प्रोसेसिंग चार्ज या भुगतान करने के लिए कहे जाने पर ध्यान दें-ऐसे संदेश/कॉल धोखाधड़ी हो सकते हैं।
- व्हॉट्सऐप या सोशल मीडिया पर मिले लिंक न खोलें। 'आपका वोटर कार्ड रद्द हो जाएगा', 'तुरंत एसआईआर भरें' जैसे संदेश फर्जी हैं।
- एसआईआर के लिये साइबर कैफे का उपयोग करते समय सतर्क रहें। ऑटो-सेव बंद रखें, कार्य समाप्त होने पर ब्राउजर हिस्ट्री/कैश साफ़ करें और अनिवार्य रूप से लॉगआउट करें।
- किसी भी संदिग्ध कॉल, लिंक या गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल: www.cybercrime.gov.in अथवा हेल्पलाइन: 1930 पर करें।
- इसके अलावा लोकल पुलिस स्टेशन और जिला कलेक्टर को भी शिकायत करें।
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