गोवर्धन की पूजा दीपावली के दूसरे दिन की जाती है। यह बात सभी जानते हैं और यही परंपरा भी है, लेकिन इस वर्ष 2025 में दीपावली के दूसरे दिन 21 अक्टूबर 2025 को गोवर्धन पूजा नहीं की जा रही है। ज्योतिष के सभी विद्वान और सभी प्रकार के पंचांगों में 22 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा का निर्देश है। सवाल यह है कि जब आज दीपावली पूजन के बाद दूसरा दिन है, तो फिर गोवर्धन पूजा क्यों नहीं है।
गोवर्धन पूजा कब की जाती है
अपने प्रश्न का उत्तर जानने से पहले हमको यह जानना जरूरी है कि गोवर्धन पूजा कब की जाती है और इसका दीपावली की महालक्ष्मी पूजा से क्या कनेक्शन है। गोवर्धन पूजा (जिसे अन्नकूट भी कहा जाता है) दीपावली पूजा के अगले दिन की जाती है, इसका तात्पर्य है अगला दिन नहीं है बल्कि दीपावली की पूजा अमावस्या तिथि पर की जाती है और गोवर्धन पूजा कार्तिक मास की प्रतिपदा तिथि पर होती है। सामान्य तौर पर यह दीपावली पूजा का दूसरा दिन होता है, और याद रखने की दृष्टि से कह दिया जाता है कि गोवर्धन पूजा, दीपावली के दूसरे दिन की जाती है लेकिन ऐसा विधान नहीं है। गोवर्धन पूजा कार्तिक मास की प्रतिपदा तिथि कोई ही जाती है।
कल अमावस्या थी, और कल प्रतिपदा होगी, तो आज क्या है
भारतीय कैलेंडर (पंचांग) के अनुसार अमावस्या महीने का आखिरी दिन होता है और प्रतिपदा महीने का पहला दिन। कल 20 अक्टूबर को अमावस्या तिथि में सभी ने दीपावली का पूजन किया है और पंचांग के अनुसार 22 अक्टूबर को प्रतिपदा तिथि है। सवाल तो बनता है कि फिर 21 अक्टूबर को क्या है। क्या यह कोई जीरो-डे है। तो ऐसा नहीं है। आज 21 अक्टूबर को शाम लगभग 6:00 बजे तक अमावस्या तिथि रहेगी। आज का सूर्योदय अमावस्या तिथि में हुआ है। इसलिए आज अमावस्या तिथि है।
आज अमावस्या आए तो फिर कल दीपावली पूजन क्यों हुआ
आज जब सूर्य का उदय हुआ तब अमावस्या तिथि थी परंतु तिथि का प्रारंभ एक दिन पहले 20 अक्टूबर को शाम 6:00 बजे हो गया था। दीपावली का पूजन रात्रि में किया जाता है, और वृषभ लग्न में महालक्ष्मी पूजा का विधान है। 20 अक्टूबर की रात्रि में अमावस्या तिथि, चंद्रमा का उदय हुआ और वृषभ लग्न भी थी। इसलिए दीपावली का पूजन 20 अक्टूबर की रात्रि किया गया।
गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर को क्यों होगी, मुहूर्त टाइम क्या है
क्योंकि 22 अक्टूबर 2025 को सूर्य का उदय कार्तिक मास की प्रतिपदा तिथि में होगा। इस दिन लगभग सूर्य के अस्त होने तक, प्रतिपदा तिथि रहेगी। विधान के अनुसार यही दिन है और इसी दिन मुहूर्त है। कृपया ध्यान रखिए गोवर्धन पूजा प्रातः काल नहीं बल्कि प्रथम प्रहर के बाद की जाती है। इसलिए प्रातः काल 6:30 बजे से लेकर 8:30 बजे तक, पूजा का मुहूर्त तो है परंतु इसमें पूजा नहीं की जाएगी। भारत के ज्यादातर ज्योतिष विशेषज्ञ दोपहर बाद साढे तीन बजे से लेकर 5:30 बजे तक, मुहूर्त को गोवर्धन पूजा के लिए मंगलकारी बता रहे हैं। इसलिए गोवर्धन पूजा दोपहर बाद 3:30 बजे से की जाएगी।