DIWALI पर इस बार चांदी के सिक्के नहीं मिलेंगे, नकली चांदी को पहचानने के तरीके पढ़िए

भारत में इस बार दीपावली के अवसर पर बाजार में चांदी के सिक्के आसानी से नहीं मिलेंगे क्योंकि नए सिक्के बनाने के लिए चांदी चाहिए और भारत सरकार ने चांदी को मार्च 2026 तक के लिए रिस्ट्रिक्टेड कैटेगरी में डाल दिया है। इसलिए चांदी की खरीद बहुत कम हो पाई है। यह समाचार इसलिए क्योंकि आप सावधान रहें। बाजार में डिमांड होगी और असली चांदी के सिक्के नहीं होंगे तो नकली चांदी के सिक्के बेचे जाएंगे। आपको असली और नकली में अंतर पता होना चाहिए। 

हुआ क्या है थोड़ा विस्तार से बताइए 

भारत सरकार ने चांदी को मार्च 2026 तक के लिए रिस्ट्रिक्टेड कैटेगरी में डाल दिया है। इसका मतलब होता है चांदी को इंपोर्ट करने के लिए डायरेक्टर जनरल आफ फॉरेन ट्रेड से मंजूरी लेनी होगी। इस प्रतिबंध के कारण पिछले साल केवल 7700 टन चांदी इंपोर्ट की गई थी। साल 2025 में अभी तक सिर्फ 3000 टन चांदी इंपोर्ट हो पाई है। इसके कारण भारत में चांदी की ब्लैक मार्केटिंग होने लगी है और चांदी का मूल्य 1.70 लाख रुपए किलो हो गया है। इसके बावजूद सिक्के बनाने के लिए चांदी नहीं है। 

नकली चांदी कैसे बनाई जाती है 

चांदी के सिक्के में 92.5% सिल्वर होती है। जो दुकानदार बिना बिल के चांदी के सिक्के बेचते हैं उनके सिक्कों में 50% तक सिल्वर होती है। लेकिन कुछ दुकानदार 92% अन्य धातु और 8% सिल्वर के साथ सिक्के बनते हैं। इस प्रकार के सिक्कों को नकली चांदी का सिक्का कहते हैं। तांबा, पीतल, निकाल, सीसा या टिन, मोलिब्डेनम और कुछ लोग तो स्टेनलेस स्टील से भी चांदी बना लेते हैं। इस प्रकार के सिक्कों के ऊपर चांदी की प्लेटिंग की जाती है। जिसके कारण वह पूरी तरह से असली दिखाई देते हैं। वैसे भी दीपावली के अवसर पर भीड़ बहुत अधिक होती है। नकली सिक्के बेचने वाले दुकानदार, ग्राहकों को परीक्षण करने का समय ही नहीं देते। कुछ दुकानदार स्टेनलेस स्टील के चांदी के सिक्के को नकली बताते हैं और मोलिब्डेनम से बने चांदी के सिक्के को असली बात कर बेचते हैं। क्योंकि मोलिब्डेनम से बने सिक्के की ध्वनि बिल्कुल चांदी के बने सिक्के जैसी होती है। 

असली और नकली चांदी में अंतर कैसे पता करें 

असली और नकली चांदी के बीच अंतर पता करने के लिए कई सरल घरेलू परीक्षण (होम टेस्ट) उपलब्ध हैं। ये तरीके चांदी की शुद्धता, चालकता और चुंबकीय गुणों पर आधारित हैं। हालांकि, ये पूरी तरह सटीक नहीं हो सकते, इसलिए महत्वपूर्ण खरीद के लिए पेशेवर जौहरी या लैब टेस्ट करवाएं। नीचे मुख्य तरीके दिए गए हैं: 

1. हॉलमार्क या स्टैंप चेक करें 

असली चांदी पर आमतौर पर "925" (स्टरलिंग सिल्वर के लिए, जो 92.5% शुद्ध चांदी है), "Sterling" या "SS" जैसे स्टैंप मिलते हैं। नकली चांदी पर ये स्टैंप गायब या फर्जी हो सकते हैं।
कैसे करें: आइटम को ध्यान से देखें, खासकर क्लैप्स या जोड़ों पर।

2. चुंबक टेस्ट (Magnet Test) 

असली चांदी चुंबकीय नहीं होती, जबकि नकली चांदी (जैसे लोहा या निकल से बनी) चुंबक से चिपक सकती है।
कैसे करें: एक मजबूत नियोडिमियम चुंबक लें और चांदी के टुकड़े को छुएं। अगर चिपके, तो नकली हो सकती है।

3. आइस टेस्ट (Ice Test) 

चांदी गर्मी का अच्छा संवाहक है, इसलिए बर्फ असली चांदी पर जल्दी पिघल जाती है (सामान्य धातु से 2-3 गुना तेज)।
कैसे करें: एक बर्फ का टुकड़ा चांदी के ऊपर रखें और तुलना के लिए किसी अन्य धातु पर रखें।

4. ध्वनि टेस्ट (Ping या Ring Test) 

असली चांदी को हल्के से ठोककर बजाने पर साफ, लंबी ध्वनि (जैसे घंटी की) आती है, जबकि नकली पर मोटी या छोटी ध्वनि।
कैसे करें: चांदी को नाखून या चम्मच से ठोकें। अथवा उसे पत्थर पर गिरा कर देखें। यदि आपके पास कोई पुराना असली चांदी का सिक्का है तो उसको पत्थर पर गिरा कर पहले प्रैक्टिस कर लें। (यह सिक्कों या बार के लिए बेहतर है।)

5. गंध टेस्ट (Smell Test) 

असली चांदी पर सल्फर की गंध नहीं आती, लेकिन नकली (जैसे तांबे वाली) पर सल्फर जैसी बदबू आ सकती है।
कैसे करें: चांदी को सूंघें। अगर तेज गंध हो, तो संदेह करें।

6. पॉलिश टेस्ट (Tarnish Test) 

असली चांदी समय के साथ काली पड़ जाती है (टार्निश), जबकि नकली नहीं।
कैसे करें: चांदी को पॉलिश करें और कुछ दिनों बाद देखें कि क्या कालापन आता है।

7. वजन और आकार चेक (Weight Test) 

असली चांदी का वजन और घनत्व (10.36 g/cm³) निश्चित होता है। नकली हल्की या भारी हो सकती है।
कैसे करें: ज्ञात वजन वाले असली चांदी से तुलना करें।

ये टेस्ट सस्ते और आसान हैं, लेकिन नकली चांदी कभी-कभी इनसे बच जाती है। हमेशा विश्वसनीय विक्रेता से खरीदें, हॉलमार्केड चांदी चुनें और पक्का बिल प्राप्त करें।
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