भारत के स्टॉक मार्केट में नए इन्वेस्टर की कमी नहीं है। रोज की कमाई और रातों-रात मालामाल हो जाने वाले खेल को छोड़ दें तो इन्वेस्टर दो प्रकार के होते हैं। एक वह जो पुरानी और विश्वसनीय कंपनियों में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करना पसंद करते हैं चाहे रिटर्न थोड़ा कम मिले और दूसरे वह जो छोटे शेयर्स में निवेश करना पसंद करते हैं ताकि आने वाले 1 साल या 3 सालों में उनका पैसा कई गुना बढ़ जाए। यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि छोटा शेयर किसे कहते हैं। वह जिसका मूल्य ₹1 के आसपास हो या फिर इसको तय करने का कोई दूसरा फार्मूला होता है। आईए जानते हैं:-
छोटा शेयर मतलब क्या होता है?
20 साल से इन्वेस्टमेंट मार्केट में काम कर रहे CA Manish Goel बताते हैं कि, छोटा शेयर का मतलब होता है छोटी कंपनी, इसके भविष्य की संभावना उज्जवल हो। ज्यादातर लोग छोटे शेयर को, सस्ता शेयर समझ लेते हैं। यानी ऐसा शेयर जिसका मूल्य बहुत कम हो। लेकिन यदि आप छोटी कंपनी में निवेश करना चाहते हैं तो उसके शेयर्स की कीमतों को प्राथमिकता ना दें बल्कि बाजार में उसके पंजीकरण पर ध्यान दें। क्योंकि शेयर्स की कीमत कई बार कंफ्यूज कर देती है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं:-
उदाहरण-1: सस्ता शेयर बड़ी कंपनी
वोडाफोन आइडिया के शेयर्स की कीमत लगभग ₹9 है। इस प्रकार यह ₹10 से कम मूल्य वाला छोटा शहर शेयर जाता है। लेकिन वास्तव में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि इस कंपनी का मार्केट केपीटलाइजेशन 1 लाख करोड़ है। इस प्रकार यह बहुत बड़ी कंपनी है। इस प्रकार की कंपनी को ब्लू चिप कंपनी कहा जाता है। यही कारण है कि इस कंपनी के शेयर्स पिछले 7 साल से ₹20 से कम पर खरीदे और बेचे जा रहे हैं। यदि कोई कल्पना करता है कि इस कंपनी के शेयर्स की कीमत ₹100 हो जाएगी तो वास्तव में वह कल्पना कर रहा है कि, वोडाफोन आइडिया भारत की एकमात्र टेलीकम्युनिकेशन कंपनी रह जाएगी।
उदाहरण-2: महंगा शेयर छोटी कंपनी
वहीं दूसरी तरफ Titan Biotech Ltd नाम की एक कंपनी है। इसके शेयर्स की कीमत लगभग ₹1000 है लेकिन मार्केट कैप केवल 800 करोड़ रुपए है। इस प्रकार की कंपनी के सामने आगे बढ़ाने के लिए काफी बड़ा बाजार बाकी है। यदि मैनेजमेंट प्रतिस्पर्धा में लगातार आगे निकलता है तो आने वाले 1 साल में या फिर आने वाले 3 साल में इस कंपनी के शेयर्स की कीमत 3 गुना या इससे अधिक हो सकती है। यह केवल उदाहरण है Titan Biotech Ltd की समीक्षा नहीं है इसलिए इस उदाहरण के आधार पर कंपनी के शेयर्स खरीदने का फैसला मत कीजिएगा।
लेकिन इन दोनों उदाहरण से एक बात स्पष्ट कर लीजिए, छोटा शेयर का मतलब सस्ता शेयर नहीं होता, बल्कि छोटा शेयर का मतलब होता है छोटी कंपनी, जो मार्केट में आगे बढ़ सकती है।
डिस्क्लेमर:- यह जानकारी केवल एजुकेशन के लिए है। कृपया इस जानकारी के आधार पर दोनों में से किसी भी कंपनी के बारे में अपना माइंडसेट मत बनाइए। इन्वेस्टमेंट का कोई भी फैसला हमेशा इन्वेस्टर का अपना फैसला होता है। कृपया सीखने और समझने के लिए पढ़िए और अधिकतम अध्ययन के बाद ही अपना डिसीजन बनाइए।