हाल ही में एक घटना हुई। अपने बेरोजगार बॉयफ्रेंड को मालामाल करवाने के लिए लड़की ने अपने चाचा के घर का पूरा नक्शा बता दिया। कहां पर कैश और कहां पर गोल्ड रखा है, सब बता दिया। फिर पूरे परिवार को एक इंगेजमेंट पार्टी में ले गई और इधर बॉयफ्रेंड ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर गर्लफ्रेंड के चाचा के घर में चोरी कर ली। ऐसी स्थिति में लड़की तो घटनास्थल पर थी नहीं और ना ही उसने चोरी की है, तो फिर उसके खिलाफ कौन सी धारा लगेगी, चलिए डिस्कस करते हैं:-
BNS की धारा 60 की परिभाषा एवं विवरण
यहां इस बात का ध्यान रखना होगा की लड़की ने चोरी नहीं की। वह घटनास्थल पर नहीं थी। उसने अपने बॉयफ्रेंड को चाचा के घर के बारे में सब कुछ बताया, इसका कोई सबूत भी नहीं है। पूरी फैमिली को घर के बाहर ले जाकर उसने अपने बॉयफ्रेंड को, चोरी में मदद जरूर की है। इसलिए उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 60 के तहत मुकदमा दर्ज होगा। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 60 कारावास से दंडनीय अपराध करने की योजना को छिपाने (Concealing Design to Commit Offence Punishable with Imprisonment) से संबंधित है।
यह धारा उस व्यक्ति पर आपराधिक दायित्व डालती है जो कारावास से दंडनीय अपराध करने की योजना को छुपाता है।
धारा 60 के प्रमुख प्रावधान निम्नलिखित हैं:
अपराध का गठन (Commission of Offence): वह व्यक्ति इस धारा के तहत अपराधी माना जाता है जो, किसी अपराध के किए जाने को सुगम बनाने के इरादे से या यह जानते हुए कि वह ऐसा करके अपराध के किए जाने को सुगम बनाएगा, जो कारावास से दंडनीय है, स्वेच्छा से:
• किसी कार्य या अवैध चूक (illegal omission) द्वारा ऐसी योजना के अस्तित्व को छिपाता है।
• या, ऐसी योजना के संबंध में कोई ऐसा अभ्यावेदन (representation) करता है जिसे वह जानता है कि वह झूठा है।
1. कर्मचारी को पता है कि उसका साथी चोरी करने वाला है और उसकी मदद करने के लिए जानबूझकर तिजोरी का ताला खुला छोड़ जाता है। तब कर्मचारी इस धारा के तहत अपराधी होगा।
2. चंदू पुलिस को झूठी सूचना देता है की खदान में बम ब्लास्ट हो गया है, ताकि पूरा पुलिस फोर्स शहर से बाहर आ जाए और उसके चाचा, पुलिस की अनुपस्थिति में बैंक रॉबरी कर सके या फिर किसी का मर्डर कर सके। तब चंदू इस धारा के तहत अपराधी होगा।
Punishment provisions under Section 60 of the BNS
धारा 60 में अपराध की स्थिति के आधार पर दो प्रकार के दंड निर्धारित किए गए हैं:
1. यदि अपराध किया गया हो:
यदि वह अपराध जिसके छिपाने की योजना बनाई गई थी, किया जाता है, तो अपराधी को उस अपराध के लिए दिए गए कारावास के दीर्घतम अवधि के एक-चौथाई तक के कारावास से दंडित किया जाएगा।
यह कारावास उसी प्रकार का होगा जो उस अपराध के लिए प्रदान किया गया है, और अपराधी जुर्माने से भी दंडनीय होगा, या दोनों से।
2. यदि अपराध नहीं किया गया हो:
यदि वह अपराध नहीं किया जाता है, तो अपराधी को उस अपराध के लिए दिए गए कारावास के दीर्घतम अवधि के एक-आठवां (one-eighth) तक के कारावास से दंडित किया जाएगा।
यह कारावास उसी प्रकार का होगा जो उस अपराध के लिए प्रदान किया गया है, और अपराधी जुर्माने से भी दंडनीय होगा, या दोनों से।
इस धारा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि, इस प्रकार के अपराधों के पुख्ता सबूत नहीं मिलते, इसलिए परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर अपराध का निर्धारण किया जा सकता है।
BNS Section 60: Context and Background
• अध्याय और स्थान: BNS की धारा 60, अध्याय IV- दुष्प्रेरण, आपराधिक षड्यंत्र और प्रयत्न (Of Abetment, Criminal Conspiracy and Attempt) के अंतर्गत आती है।
• IPC से तुलना: BNS की धारा 60 भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 120 के अनुरूप है।
• 'अपराध' की परिभाषा: BNS की धारा 2(24)(a) के अनुसार, धारा 60 के संदर्भ में, "अपराध" शब्द का अर्थ है कोई ऐसी चीज जो इस संहिता के तहत, या किसी विशेष विधि या स्थानीय विधि के तहत दंडनीय हो।
✍️लेखक: उपदेश अवस्थी, पत्रकार एवं विधि सलाहकार। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।