CREDAI पर कलंक: भोपाल के अध्यक्ष के खिलाफ EOW में FIR, गौरव गृह निर्माण सोसायटी घोटाला

रियल स्टेट के काले कारोबार में क्रेडाई (CREDAI), यानी भारतीय रियल एस्टेट डेवलपर्स संघों का परिसंघ खुद को ईमानदार और बेस्ट क्वालिटी की गारंटी वाला संगठन बताता है। कहा जाता है कि यदि कोई बिल्डर CREDAI का सदस्य है तो उस पर इसलिए भरोसा किया जा सकता है क्योंकि वह CREDAI का सदस्य है। लेकिन अब CREDAI पर कलंक लग गया है क्योंकि CREDAI BHOPAL के अध्यक्ष मनोज मीक के खिलाफ मध्य प्रदेश शासन के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा गौरव गृह निर्माण सोसायटी घोटाला में शामिल होने का मामला दर्ज किया है। 

भोपाल का गौरव गृह निर्माण सोसायटी घोटाला क्या है

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घोटाला 1981 में स्थापित इस संस्था की 5 एकड़ जमीन (बावड़िया कलां, भोपाल) पर केंद्रित है, जहां संस्थापक सदस्यों को उनके हक के प्लॉट नहीं मिले, जबकि बिल्डरों और संस्था पदाधिकारियों ने मिलीभगत से जमीन हड़प ली और करोड़ों का गबन किया। विवाद की जड़ें 1999 से हैं, लेकिन हाल ही में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने नई एफआईआर दर्ज की है जिसके कारण मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया। नीचे विवाद की मुख्य बातें दी गई हैं: 

घोटाले का तरीका और घटनाक्रम 

गौरव गृह निर्माण सोसायटी घोटाला 2 प्रकार से किया गया। एक तरफ संस्थापक सदस्यों के साथ धोखाधड़ी की गई, विश्वास घात किया गया और उनका शोषण किया गया। दूसरी तरफ चुनाव में गड़बड़ी के बाद सहकारिता अधिकारी के साथ मिलकर प्रॉपर्टी को अवैध तरीके से आपस में बांट लिया गया। 

संस्थापक सदस्यों का शोषण: 1981 में 44 संस्थापक सदस्यों ने 5 एकड़ जमीन खरीदी थी। 41 साल बाद भी अधिकांश को प्लॉट नहीं मिला। 22 सदस्य संघर्ष के दौरान मर चुके हैं, 4 को प्लॉट मिले, और 18 बुजुर्ग (70-80 वर्ष) आज भी न्याय के लिए लड़ रहे हैं।
अनियमितताएं: 1999 में संतोष जैन (तत्कालीन अध्यक्ष) ने अनियमित चुनाव से नियंत्रण हासिल किया। 2004-2005 में फर्जी सदस्य जोड़े गए (कुल 57 नए सदस्य, जिनमें सहकारिता अधिकारी की पत्नी भी शामिल है), जिन्हें मनमाने ढंग से प्लॉट आवंटित और बेच दिए गए।
बिल्डरों से अनुबंध: 30 जून 2004 को बिना निविदा या आमसभा अनुमति के मेसर्स शुभालय विला (जिसके भागीदार मनोज सिंह मीक और शिशिर खरे हैं) से अनुबंध किया गया। अनुबंध के पहले तीन पेज कूटरचित थे। इससे संस्था की आधी जमीन पर डुप्लेक्स बनाकर बेचे गए, जबकि मूल सदस्यों के 44 प्लॉट गिरवी रख दिए गए।
गबन और बिक्री: 2007-2019 तक 74 प्लॉटों की रजिस्ट्री हुई, जिनमें से केवल 4 संस्थापकों के नाम पर। शेष 70 को नए/फर्जी सदस्यों के नाम बेचे गए। बिक्री से लगभग 2.5 करोड़ रुपये का गबन हुआ, जो संस्था खाते में जमा नहीं किए गए।
सहकारिता विभाग की मिलीभगत: प्राप्त शिकायतों पर कार्रवाई नहीं करने के बदले में पूर्व उपायुक्त बबलू सातनकर ने अपनी पत्नी सुनीता सातनकर को फर्जी सदस्य बनवाकर प्लॉट प्राप्त किया। पूर्व अध्यक्ष अनिता बिस्ट भट्ट ने फर्जी योजनाओं का समर्थन किया। संस्था के रिकॉर्ड (डॉक्यूमेंट), अध्यक्ष के निजी घर पर रखे गए, और दस्तावेज छिपाए गए।

कानूनी कार्रवाई

पुरानी एफआईआर: जनवरी 2020 में शाहपुरा थाने में फ्रॉड की धाराओं (420, 406 आदि) के तहत एफआईआर दर्ज, लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं। 2021 में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने न्याय के निर्देश दिए, लेकिन विभाग ने सहयोग नहीं किया-केवल एक पीड़ित को राहत मिली।
आज की कार्रवाई: 10 अक्टूबर 2025 को (आज ही) मूल शिकायत (145/08, 18 जून 2008) के आधार पर जांच में करोड़ों का घोटाला होना पाया गया। सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 120बी (आपराधिक षड्यंत्र), 420 (धोखाधड़ी), 406 (विश्वासघात), 467/468/471 (जालसाजी) के तहत नई एफआईआर दर्ज की गई है। 

EOW की जांच में गौरव गृह निर्माण रेजिडेंशियल सोसायटी के साथ बिल्डर और सहकारिता विभाग के अधिकारी की साजिश साबित हुई।

EOW की FIR में इन लोगों के नाम 

  • मनोज सिंह मीक: भोपाल क्रेडाई के अध्यक्ष। 
  • शिशिर खरे: मनोज सिंह मीक के पार्टनर बिल्डर।
  • संतोष जैन: 1999 में सोसायटी के अध्यक्ष (चुनाव में गड़बड़ी और घोटाले का आरोप)
  • बबलू सातनकर: तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर सहकारिता जिन्होंने शिकायतों पर कार्रवाई नहीं की और रिश्वत में पत्नी के नाम प्लॉट लिया।
  • सुनीता सातनकर: डिप्टी कमिश्नर सहकारिता की पत्नी (अपराध में पति का साथ दिया)।
  • और पूर्व अध्यक्ष अनिता बिस्ट भट्ट एवं नंदा खरे, 
आईपीसी की धारा 120B, 420, 406, 467, 468 और 471 के तहत कार्रवाई की। एफआईआर दर्ज की गई है।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289
Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!