आचार्य कमलांश (ज्योतिष विशेषज्ञ)। भारतीय ज्योतिष में पुष्य नक्षत्र को सबसे शुभ, कल्याणकारी और अक्षय माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन शुभ धातु अथवा संपत्ति आदि में किया गया स्थाई लाभ देता है। इसलिए लोग जमकर खरीदारी करते हैं। लेकिन आज एक नया प्रश्न उपस्थित आया। पुष्य नक्षत्र की खरीदारी क्रेडिट कार्ड से, किसी से उधार लेकर, बैंक से लोन लेकर अथवा विक्रेता की EMI स्कीम का फायदा उठाकर करना चाहिए या नहीं। इस प्रश्न के उत्तर की खोज के लिए कुछ अनुसंधान किया। अब जो निष्कर्ष मिला है वह आपके सामने प्रस्तुत है।
पुष्य नक्षत्र क्या है: सबसे पहले जान लीजिए
पुष्य नक्षत्र, जिसे नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है, भारतीय ज्योतिष में 27 नक्षत्रों (तारामंडलों) में से आठवां है। पुष्य नक्षत्र का शाब्दिक अर्थ है पोषण करने वाला, ऊर्जा या शक्ति प्रदान करने वाला। इसका प्रतीक चिह्न "गाय का थन" है, जो पोषण, प्रचुरता और समृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है, ठीक वैसे ही जैसे गाय का दूध जीवनदायिनी अमृत होता है। इसे ऋग्वेद में "तिष्य" भी कहा गया है, जिसका अर्थ है शुभ या मांगलिक तारा।
पुष्य नक्षत्र का इतना महत्व क्यों है
मान्यता है कि इस नक्षत्र में किया गया कोई भी शुभ कार्य, पूजा, निवेश या खरीदी अक्षय (कभी न खत्म होने वाला) और स्थायी शुभ फल देने वाला होता है। इसी कारण इसे खरीदारी, विशेषकर सोने, चांदी और संपत्ति खरीदने के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है।
देवता और ग्रह का संयोजन:
- इसके अधिष्ठाता देवता देव गुरु बृहस्पति हैं, जो ज्ञान, धन, और शुभता के प्रतीक हैं।
- इसका स्वामी ग्रह शनि है, जो अनुशासन, कर्मठता और न्याय का प्रतीक है।
- बृहस्पति और शनि के प्रभाव का यह संयोजन इसे विशेष रूप से शक्तिशाली और फलदायक बनाता है।
पुष्य नक्षत्र इतना शुभ है कि नए व्यापार की शुरुआत, निवेश, भूमि पूजन, धार्मिक अनुष्ठान, और शुभ खरीदारी जैसे सभी कार्य बिना पंचांग देखे भी किए जा सकते हैं, क्योंकि इसमें सभी अशुभ योगों को दूर करने की क्षमता होती है।
LOAN लेकर वस्तु खरीद सकते हैं?
बृहज्जातक, खंड 7, श्लोक 15 में उल्लेख है: “पुष्ये ऋणं न गृह्येत, सर्वार्थसिद्धिः तत् भवति।” अर्थात: पुष्य नक्षत्र में ऋण या कर्ज लेकर वस्तु न खरीदें, तभी सभी कार्य सिद्ध होंगे। कैलाशपुरी पंचांग और अन्य हिंदू पंचांगों में उल्लेख है कि पुष्य नक्षत्र के दिन धन उधार लेने या देने से आर्थिक हानि और बाधा आती है। यह नियम विशेष रूप से सोना, चांदी, वाहन, घर या व्यापार संबंधी वस्तुओं के लिए लागू होता है।
किसी मित्र अथवा परिवारजन से उधारी लेना, बैंक अथवा फाइनेंस कंपनी से लोन लेना, गोल्ड लोन अथवा प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर लोन लेना, अथवा विक्रेता की ओर से ऑफर की गई EMI स्कीम, सब कुछ कर्ज की श्रेणी में आते हैं। शास्त्रों में स्पष्ट निर्देश है, पुष्य नक्षत्र के दिन यदि कर्ज लेकर किसी वस्तु की खरीदारी की तो वह कर्ज स्थाई हो जाएगा।
डिस्क्लेमर: यह लेख भारतीय ज्योतिष, पंचांग, शास्त्र और वैष्णव मान्यताओं पर आधारित है। इन मान्यताओं का किसी भी एजेंसी द्वारा वैज्ञानिक परीक्षण नहीं किया गया है। कृपया अपनी श्रद्धा, परंपरा और विश्वास का पालन करें।