मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दीपावली के पटाखों के साथ कार्बाइड पाइप गन भी बेची जा रही थी। आज गोविंदपुर थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कल्पना नगर इलाके से कार्बाइड पाइप गन को बेचने वाले दुकानदार को पकड़ लिया है।
कल्पना नगर में कार्बाइड गन बेचने वाला पकड़ा गया
जानकारी के अनुसार, BHEL सेक्टर में जंबूरी मैदान व आसपास जांच की गई। कल्पना नगर के पास एक व्यक्ति पाइप गन बेच रहा है। इसके बाद यह पुलिस के हवाले कर दी गई। एसडीएम श्रीवास्तव ने बताया, पटाखा मार्केट में लगातार जांच की जाएगी। कोई भी कार्बाइड पाइप गन बेचते पाया मिला तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अगले 2 दिन से गोविंदपुरा क्षेत्र में चार टीमें जांच करेंगी। जंबूरी मैदान आनंद नगर के लिए पटवारी सुरेंद्र यादव और आशीष मिश्रा की तैनात की गई। टीआईटी गोविंदपुरा में महेश राजन और विमलेश गुप्ता, करोंद कलां में फजल अब्बास और लेखराज लोधी, छोला में नीरज विश्वकर्मा और रविंद्र मार्को को तैनात किया गया है।
कार्बाइड पाइप गन क्या होती है
कार्बाइड पाइप गन (जिसे कैल्शियम कार्बाइड गन भी कहा जाता है) एक देसी जुगाड़ वाला घरेलू उपकरण है, जो मुख्य रूप से किसानों द्वारा फसलों की रक्षा के लिए बनाया जाता है। यह PVC पाइपों से तैयार की जाती है और कैल्शियम कार्बाइड (एक रसायन जो फलों को पकाने में भी इस्तेमाल होता है) का उपयोग करके काम करती है। कैल्शियम कार्बाइड पानी के संपर्क में आते ही एसीटिलीन गैस उत्पन्न करता है। इस गैस को प्रज्वलित किए जाने पर जोरदार धमाका होता है, जो तेज आवाज पैदा करता है। यह आवाज जंगली जानवरों (जैसे सियार, सूअर या हिरण) को भगाने के लिए इस्तेमाल होती है।
दिवाली जैसे त्योहारों पर पटाखे के रूप में इस्तेमाल की जाने लगी है, इसे सस्ता 'देसी पटाखा' माना जाता है।
खतरे और जोखिम
यह गन सस्ती और आसानी से उपलब्ध होने के बावजूद बेहद खतरनाक है। कैल्शियम कार्बाइड की क्षारीय प्रकृति से गंभीर रासायनिक जलन (कॉर्नियल बर्न) हो सकती है, जो अंधापन का कारण बन सकती है। राजस्थान के कोटा जैसे इलाकों में कई किसानों को इससे आंखों की रोशनी चली गई है।
विस्फोट का खतरा:
गलत तरीके से इस्तेमाल करने पर हाथ-पैर जल सकते हैं या गंभीर चोट लग सकती है।
कानूनी पहलू: पटाखा बाजारों में बिक्री पर पाबंदी है, और इसे जब्त किया जा रहा है क्योंकि यह असुरक्षित है।