मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पिछले 1 महीने से मोबाइल स्नैचर का आतंक बरपा हुआ है। बाइक पर सवार दो या तीन लड़के तेजी से आते हैं और मोबाइल छीनकर भाग जाते हैं। इस प्रकार के मामलों में पुलिस को ज्यादा सफलता नहीं मिल पाती है, इसलिए बहुत जरूरी है कि, नागरिक जागरुक रहें और यदि कोई ऐसी घटना आपके सामने होती है तो मोबाइल लुटेरे को पकड़ने में मदद करें।
अचानक आते हैं और मोबाइल छीनकर गायब हो जाते हैं
आईजी इंटेलीजेंस डॉ आशीष की मोबाइल लूट की घटना आपको याद होगी। कुछ दिन पहले ही 24 सितंबर को जब वह अपनी पत्नी के साथ डिनर के बाद टहल रहे थे तभी चार इमली जैसे हाई प्रोफाइल इलाके में मोबाइल लुटेरे ने उनके हाथ से मोबाइल छीना और फरार हो गए। पैटर्न वही था। बाइक पर सवार होकर पीछे से आए और पलक झपकते ही गायब हो गए। यह घटना हाई प्रोफाइल थी इसलिए मीडिया की हेडलाइंस बनी लेकिन भोपाल शहर में इस तरह की घटनाएं रोज हो रही है। लगभग हर पुलिस थाने में कोई ना कोई मामला दर्ज किया जा रहा है। पिछले एक महीने में 150 से ज्यादा मामले रिपोर्ट किया जा चुके हैं। इनमें से ज्यादातर की मोबाइल रिकवरी नहीं हुई है।
भोपाल में मोबाइल स्नैचिंग से बचने के लिए क्या करें
पिछले 1 महीने की घटनाओं में एक बात कॉमन पाई गई है। लूट का शिकार हुए ज्यादातर लोग पैदल चल रहे थे या फिर सड़क किनारे खड़े हुए थे। कोई फोन पर बात कर रहा था, कोई अपने लिए टैक्सी बुक कर रहा था, कोई व्हाट्सएप पर चैटिंग कर रहा था और कोई तो केवल हाथ में मोबाइल फोन लेकर चल रहा था। इनसे बचने का सिर्फ एक ही तरीका है, इनकी पहुंच से दूर हो जाएं।
- यदि आपको टैक्सी बुक करना है तो सड़क पर खड़े होकर नहीं बल्कि उसके किनारे फुटपाथ पर अथवा किसी ऐसे स्थान पर जहां लूट की संभावना कम हो, टैक्सी बुक करें।
- गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन पर बात ना करें। यदि फोन पर बात करना है तो सड़क पर खड़े होकर भी फोन पर बात ना करें, बल्कि सड़क के किनारे, जहां सड़क खत्म होती है वहां से कम से कम 4 फीट अंदर की तरफ चले जाएं।
अब तक जितनी भी लूट हुई है वह सारे लोग सड़क पर थे। इसलिए लुटेरों को भागने में आसानी हुई। यदि आप किसी ऐसी जगह पर खड़े होंगे जहां पर लुटेरों को आने और भागने में परेशानी होगी, तो वह आपको शिकार नहीं बनाएंगे।
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