मैं तो वारुं जन्म हजार तुम्हीं पर राघव जी,
भूमि परत भा ढाबर पानी,
जिमि जीवहिं माया लिपटानी।
तुम्हरी माया अपरंपार बचा लो राघव जी ।1।
मेरे सर्वस्व प्राणाधार तुम्हीं हो जी राघव जी...
आज अचानक लहर उठी है,
जर्जर नैया भंवर फंसी है,
अब तो पार करो मजधार तुम्ही हो राघव जी,
मेरी नैया और पतवार तुम्ही हो राघव जी ।2।
मेरे सर्वस्व प्राणाधार तुम्हीं हो जी राघव जी ...
षडरिपु चहुं दिशि घेर खड़े हैं,
जनम मरन के फेर पड़े हैं,
अब नाथ करो भव पार तुम्ही हो राघव जी,
प्रभु काटो क्लेश अपार तुम ही हो राघव जी।3।
मेरे सर्वस्व प्राणाधार तुम्हीं हो जी राघव जी,
मैं तो वारुं जन्म हजार तुम्हीं पर राघव जी।।
- डॉ विनय दुबे, रीवा संपर्क: 982735286