भारत की राजधानी नई दिल्ली से एक ऐसी न्यूज़ आई है जो हर प्राइवेट जॉब वाले को खुश कर देगी। EPFO ने 7 करोड़ से ज्यादा मेंबर्स के लिए कमाल का डिसीजन लिया है। अब आप अपने PF अकाउंट से 100% अमाउंट, मतलब पूरा पैसा, जब चाहे निकाल सकते हो। गवर्नमेंट इसे "ease of living" का बड़ा स्टेप बता रही है, यानी जिंदगी को और आसान बनाने वाला।
सब कुछ स्मूथ और hassle-free
लेबर मिनिस्टर मनसुख मांडविया की चेयरमैनशिप वाली मीटिंग में ये फैसला पास हुआ। अब पढ़ाई, शादी, बीमारी या घर खरीदने जैसी जरूरतों के लिए PF से पैसे निकालना पहले जितना हेडेक था, उतना नहीं रहा – सब कुछ स्मूथ और hassle-free बना दिया गया है। इससे करोड़ों एम्प्लॉयी की फाइनेंशियल फ्रीडम और कन्वीनियंस दोनों बढ़ जाएंगे, बिल्कुल वो जो सब एम्पलाइज ऑफिस में चाय पीते हुए डिस्कस करते हैं।
13 रूल्स को बस 3 कैटेगरी में पैक किया
सोमंडे की CBT मीटिंग में, जो EPFO की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज है और मांडविया साहब की लीडरशिप में चली, कई इंपॉर्टेंट चेंजेस अप्रूव हो गए। सबसे बड़ा अपडेट ये कि partial withdrawal के रूल्स को टोटली सिंपल और फ्लेक्सिबल बना दिया। पहले 13 कॉम्प्लिकेटेड कंडीशंस थे, अब सब तीन ग्रुप्स में समेट दिया गया –
Partial withdrawal का वेटिंग पीरियड 5 साल से घटाकर 1 साल
अब एम्प्लॉयी अपने अकाउंट से एम्प्लॉयी और एम्प्लॉयर का पूरा हिस्सा, यानी 100% कैश आउट कर सकते हो। एजुकेशन के लिए लिमिट 10 गुना बढ़ा दी, और मैरिज के लिए 5 गुना। पहले सिर्फ 3 बार ही partial pull-out की परमिशन थी। सर्विस पीरियड की मिनिमम रिक्वायरमेंट, जो 5 साल था, अब डाउन तो 12 महीने कर दिया। मतलब, जल्दी जॉब चेंज या कोई शॉर्ट टर्म प्लान हो तो टेंशन कम।
"मिनिमम बैलेंस" में 25% रखना जरूरी
स्पेशल सर्कमस्टैंसेस कैटेगरी में पहले रीजन बताना पड़ता था। जैसे नेचुरल डिजास्टर, पैनडेमिक, अनएम्प्लॉयमेंट या लॉकआउट। इससे क्लेम्स रिजेक्ट हो जाते थे। अब बिना रीजन के भी pull-out पॉसिबल। लेकिन EPFO ने स्मार्टली डिसाइड किया कि अकाउंट में हमेशा 25% अमाउंट मिनिमम बैलेंस के तौर पर रहेगा, ताकि 8.25% इंटरेस्ट और कंपाउंडिंग का बेनिफिट कंटिन्यू रहे। यानी, जरूरत पर फुल फ्रीडम, लेकिन रिटायरमेंट फंड सेफ और ग्रोइंग।
मीटिंग में विश्वास स्कीम को ग्रीन सिग्नल
EPFO कह रहा है कि 100% partial क्लेम्स अब ऑटोमैटिक सेटल होंगे, बिना किसी डॉक्स। फाइनल सेटलमेंट में भी चेंज – premature PF सेटलमेंट 2 महीने से 12 महीने तक, और पेंशन withdrawal 2 से 36 महीने। "Vishwas Scheme" को अप्रूव किया, जो पेनल्टी केसेज में कोर्ट केसेज कम करने के लिए। लेट PF डिपॉजिट पर पेनल्टी अब सिर्फ 1% पर मंथ। लेबर मिनिस्ट्री के मुताबिक, मई 2025 तक 2,406 करोड़ की पेनल्टी पेंडिंग है, 6,000+ केस कोर्ट में। स्कीम 6 महीने रने वाली, एक्सटेंड पॉसिबल। प्लस, IPPB से टाई-अप – EPS-95 पेंशनर्स को घर पर डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट फ्री में।
"करोड़ों एम्पलाइज को डायरेक्ट बेनिफिट"
CBT ने EPFO 3.0 डिजिटल फ्रेमवर्क को पास किया, जो PF सर्विसेज को बैंकिंग लेवल डिजिटल और ऑटोमेटेड बना देगा। मल्टीलिंगुअल सेल्फ-सर्विस, इंस्टेंट क्लेम, ऑनलाइन pull-out सब इनक्लूड। PF डेटा पोर्टफोलियो के लिए 4 नए फंड मैनेजर्स अपॉइंटेड, बेहतर रिटर्न्स के लिए। मांडविया जी ने कहा, ये चेंजेस से सर्विसेज ट्रांसपेरेंट, फास्ट और टेक-ड्रिवन होंगी, और करोड़ों एम्प्लॉयी को रियल बेनिफिट मिलेगा। बिल्कुल वो जो हम प्राइवेट सेक्टर में रन करते हैं – quick, efficient, और life को easy.