दुनिया भर में एक नई प्रकार की स्थिति बन गई है। कारोबार को पॉलिटिक्स ने कंट्रोल कर लिया है। नोबेल प्राइज का दावा करने वाले प्रेसिडेंट डॉनल्ड ट्रंप दुनिया का सबसे बड़ा व्यापार युद्ध लड़ रहे हैं। ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं लेकिन शुक्रवार को जब प्रेसिडेंट ट्रंप, चीन के साथ नया व्यापार युद्ध लड़ने के लिए निकले तो बिटकॉइन मचल गया। क्रिप्टो मार्केट में ऐसा हाहाकार मचा कि 2 दिन के भीतर प्रेसिडेंट ट्रंप को यू टर्न लेना पड़ा। इस दौरान क्रिप्टो कारोबार को $500 बिलियन का नुकसान हुआ।
क्रिप्टो कारोबारियों के लिए डोनाल्ड ट्रंप के एक स्टेटमेंट की कीमत 500 बिलीयन डॉलर
भारत सहित कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर सफलतम हमला करने के बाद USA प्रेसिडेंट डॉनल्ड ट्रंप ने शुक्रवार 10 अक्टूबर 2025 को एक बार फिर चीन के ऊपर 100% टैरिफ अटैक लॉन्च कर दिया। इस हमले का अमेरिका के बाजार में कोई असर दिखाई देता, इससे पहले ही वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता की स्थिति बन गई। क्रिप्टो मार्केट पर इसका असर सबसे ज्यादा पड़ा, क्योंकि निवेशक जोखिम से बचने लगे। परिणामस्वरूप, बिटकॉइन 12-14% गिर गया, और कुल क्रिप्टो मार्केट में $500 बिलियन का नुकसान हुआ। नतीजा यह हुआ कि, डोनाल्ड ट्रंप को यू टर्न लेना पड़ा। 12 अक्टूबर रविवार को जब उन्होंने कहा कि, चीन के साथ सौदा संभव है और टैरिफ को "पारस्परिक" (reciprocal) बनाने की बात की, तब जाकर मार्केट में गिरावट बंद हुई।
डोनाल्ड ट्रंप की ईमानदारी पर सवाल
ट्रंप परिवार की क्रिप्टो होल्डिंग्स (ट्रुथ सोशल के जरिए $870 मिलियन का बिटकॉइन निवेश) को लेकर भी सवाल उठे हैं, क्योंकि कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि यह घोषणा बाजार मैनिपुलेशन का हिस्सा हो सकती है। ट्रंप अब अमेरिका के सबसे बड़े बिटकॉइन निवेशकों में से एक हैं, जो उनकी नीतियों को प्रभावित कर सकती है।
बिटकॉइन ट्रेडर्स के स्टेटमेंट्स
ट्रेडर्स और क्रिप्टो कम्युनिटी में गुस्सा, निराशा और अवसर की चर्चा छाई रही। X (पूर्व ट्विटर) पर कई ट्रेडर्स ने अपनी प्रतिक्रियाएं साझा कीं: कई ट्रेडर्स ने लिक्विडेशन का दर्द बयां किया।
@PoorVane ने लिखा, "क्रिप्टो में सालों से ट्रेडिंग करने वालों को लिक्विडेट होकर देखना दर्दनाक है, और ट्रंप के बैकट्रैक करने से 48 घंटे बाद मार्केट पंप हो गया। उम्मीद है सब ठीक होंगे।"
@core_crypto1 ने कहा, "ट्रंप ने पहले टैरिफ लगाकर बाजार क्रैश किया, लोगों की सेविंग्स उड़ गईं, फिर डिप खरीदी और अब 'क्रिप्टो प्रेसिडेंट' बनने का ढोंग कर रहे हैं। यह लीडरशिप नहीं, मैनिपुलेशन है।"
@BTC_General_ ने बताया, "ट्रंप के बैकट्रैक से V-शेप रिकवरी हुई। मैं लॉन्ग पोजीशन में हूं और लिक्विडेशन लॉस रिकवर कर लिया, लेकिन उन लोगों का दुख समझ सकता हूं जो सब कुछ खो बैठे।"
@Liathetrader ने चिंता जताई, "ट्रंप का इतना बड़ा बिटकॉइन होल्डिंग होना आत्मविश्वास कम करता है। शुक्रवार जैसा मैनिपुलेशन फिर हो सकता है, हम उनकी दया पर हैं।"
@btcdeliverance ने कहा, "मैंने डिप पर और बिटकॉइन खरीदा, लेकिन प्रेसिडेंट का पर्सनल गेन के लिए मार्केट मैनिपुलेट करना घिनौना है।"
कुल मिलाकर, ट्रेडर्स लिवरेज रिस्क्स पर सतर्क हैं और हेजिंग (जोखिम कवर) की सलाह दे रहे हैं। कुछ का मानना है कि ट्रंप की पॉलिसी से बिटकॉइन लॉन्ग-टर्म में ऊपर जाएगा, लेकिन शॉर्ट-टर्म वोलेटाइल रहेगा।
क्या पहले कभी बिटकॉइन इस कदर पिटा है
हाँ, बिटकॉइन इतिहास में कई बार तीव्र गिरावटें देख चुका है। उदाहरण कुछ इस तरह हैं:
2011 में पहला बड़ा क्रैश: Investopedia की एक रिपोर्ट के अनुसार, बिटकॉइन शुरुआत में लगभग $29 के स्तर पर पहुंचा था, फिर गिरकर लगभग $2–5 के स्तर तक आ गया।
2017–18 बुल रन और बाद में क्रैश: arxiv सहित कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि, 2017 में जब कीमत बहुत ऊँची हुई थी, उसके बाद 2018 में 70-80% की गिरावट आई थी।
2021–2022 में गिरावटें: एयरड्रॉप्स, नियामक दबाव, क्रिप्टो विंटर में बड़ी गिरावट आ गई थी।
लोकल फ्लैश क्रैश: कभी-कभी कुछ सेकंड या मिनटों में तीव्र गिरावट होती है, विशेषकर जब बड़े ऑर्डर्स बाजार में आते हैं या लीवरेज पोजीशन्स बंद होती हैं।
डिस्क्लेमर: क्रिप्टोकरंसी और बिटकॉइन के बारे में यह केवल एक न्यूज़ है। इस समाचार के माध्यम से हम इन्वेस्टमेंट के लिए किसी भी प्रकार का माइंडसेट बनाने का प्रयास नहीं कर रहे हैं। कृपया अपना इन्वेस्टमेंट डिसीजन अधिकतम जानकारी को प्राप्त करने के बाद अपने विवेक के आधार पर लीजिए।
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