आचार्य कमलांश (ज्योतिष विशेषज्ञ)। दीपावली की साफ-सफाई केवल स्वच्छता का ही नहीं, बल्कि शुभता, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रतीक मानी जाती है। ज्योतिष एवं वास्तु में विश्वास करने वाले इस अवसर का पूरा लाभ उठाते हैं। दीपावली की सफाई के दौरान अपने घर के वास्तु का भी सुधार कर लेते हैं। यदि आप भी ऐसा कुछ करना चाहते हैं तो नीचे दी गई बातें दीपावली की सफाई करते समय ध्यान में रखनी चाहिए:-
1. सफाई का शुभ प्रारंभ
दीपावली की सफाई पुष्य नक्षत्र, हस्त नक्षत्र या शुक्रवार से शुरू करना शुभ माना जाता है। सफाई की शुरुआत घर के मंदिर या पूजा स्थल से करें। दीपावली से पहले पुष्य नक्षत्र 14 अक्टूबर बुधवार को है। शुक्रवार का दिन 17 अक्टूबर को पड़ रहा है और हस्त नक्षत्र 19 अक्टूबर रविवार को शाम 05:49 बजे से है। आप अपने घर और समय स्थिति के अनुसार प्लानिंग कर सकते हैं।
2. घर की सामान्य सफाई
छत, दीवारें और पंखे: झाड़ू, कपड़ा और डिटर्जेंट से धूल हटाएँ।
दीवारों के कोने और खिड़कियाँ: मकड़ी के जाले और धूल जमने वाली जगहें खास ध्यान दें।
फर्नीचर: पुराने कपड़े से ढक कर रखें या नए कवर लगाएँ।
3. मुख्य द्वार और आँगन
दरवाज़े की चौखट पर गंगाजल या नमक मिले पानी से पोंछा लगाएँ, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
द्वार पर तोरण (आम या अशोक के पत्ते का) और बनावटी फूलों की माला लगाएँ।
द्वार के पास की नाम पट्टिका और घंटी भी साफ करें, यह घर की पहचान होती है।
4. रसोई और भंडार घर
रसोई को सबसे पवित्र स्थान माना गया है, इसलिए विशेष ध्यान रखें।
गैस स्टोव, चिमनी, फ्रिज और बर्तन सभी को अच्छे से धोएं।
भंडारघर में पुराने अनाज, तेल या मसाले की जांच करें - पुराने या खराब सामान को त्याग दें।
यह "अलक्ष्मी निवारण" का प्रतीक माना जाता है, यानी नकारात्मकता को हटाना।
5. ऑफिस या कार्यस्थल
फाइलें, दस्तावेज़, और डेस्क साफ करें।
कंप्यूटर/लैपटॉप और कीबोर्ड की धूल भी साफ करें।
यह व्यापार में लक्ष्मी प्रवेश का शुभ संकेत है।
6. पूजा कक्ष और मंदिर
मूर्तियों को साफ जल से स्नान कराएँ, फिर गंगाजल से अभिषेक करें।
पूजा स्थल की दीवारों पर लगे पुराने फूल और वस्त्र बदलें।
दीपावली की रात नया वस्त्र और नया आसन बिछाकर पूजा करें।
7. पुराने और अनुपयोगी वस्तुओं का निपटान
टूटी हुई चीजें (कप, बाल्टी, झाड़ू, इलेक्ट्रॉनिक सामान) बाहर करें।
पुराने कपड़े, अखबार, और जूते दान कर सकते हैं, इससे घर में नई ऊर्जा आती है।
8. दीपावली से एक दिन पहले
घर के सभी कोनों में गंगाजल छिड़कें, इससे नकारात्मकता दूर होती है।
किचन गैस, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, फर्श सबको एक बार फिर पोंछ लें।
दरवाजे और खिड़कियों पर स्वस्तिक या ओम का चिन्ह बनाना शुभ होता है।
9. मानसिक और आध्यात्मिक सफाई
दीपावली केवल बाहरी सफाई नहीं, बल्कि मन की सफाई का भी पर्व है।
मन में किसी के प्रति क्रोध, ईर्ष्या या द्वेष हो तो क्षमा कर दें।
लक्ष्मी वहीं आती हैं जहाँ शांति और प्रेम का वास होता है।
Diwali Cleaning Checklist
पूजा स्थल और मंदिर की सफाई
- मूर्तियों को साफ जल या गंगाजल से स्नान कराएँ
- मंदिर की दीवारें, आसन और दीपदान पोंछें
- पुराने फूल, धूप, रुई, बत्ती आदि हटाएँ
- नया आसन बिछाएँ और गंगाजल छिड़कें
- नया तोरण या पुष्प माला लगाएँ
रसोई और भंडारघर
- गैस स्टोव, ओवन, चिमनी और फ्रिज साफ करें
- बर्तनों को रगड़कर चमकाएँ
- मसाले, तेल, और अनाज की जांच करें - पुराना फेंकें
- किचन टाइल्स और सिंक को नींबू या सिरके से पोंछें
- नया झाड़ू और पोंछा रखें (पुराना दान करें)
लिविंग रूम और बेडरूम
- पंखे, लाइट्स, टीवी, शो-पीस की धूल साफ करें
- पर्दे, कुशन, बेडशीट धोएँ या बदलें
- फर्नीचर पोंछें और पॉलिश करें
- दीवारों पर मकड़ी के जाले हटाएँ
- पुराने अख़बार और पत्रिकाएँ हटा दें
दरवाज़े, खिड़कियाँ और फर्श
- दरवाजों की चौखटें और हैंडल पोंछें
- खिड़कियों के शीशे साफ करें
- फर्श पर नमक मिले पानी से पोछा लगाएँ (नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है)
- मुख्य द्वार पर स्वस्तिक बनाएं
- नया वेलकम मैट लगाएँ
ऑफिस या कार्यस्थल
- डेस्क, फाइलें, ड्रॉअर व्यवस्थित करें
- कंप्यूटर और कीबोर्ड साफ करें
- अनावश्यक कागज़ या फाइलें निकालें
- लक्ष्मी पूजा के लिए स्थान निर्धारित करें
कपड़े, जूते और स्टोर रूम
- पुराने या खराब कपड़े दान करें
- जूतों को जोड़ी बनाकर रखें
- स्टोर रूम के बॉक्सों की धूल साफ करें
- उपयोग में न आने वाले सामान को रीसायकल करें
अंतिम सफाई और सजावट
- घर के हर कोने में गंगाजल या कपूर का धुआं करें
- मुख्य दरवाज़े पर आम या अशोक पत्तों का तोरण लगाएँ
- दीयों के स्थान तय करें और तेल/बत्ती तैयार करें
- लक्ष्मी-गणेश पूजा स्थान सजाएँ
- घर में अगरबत्ती या सुगंधित दीप जलाएँ
विशेष ध्यान रखें
- सफाई के समय घर में मनोबल ऊँचा रखें, संगीत या भजन चलाएँ
- सफाई में परिवार के सभी सदस्यों को शामिल करें
- सफाई के बाद स्नान करें और घर में “ॐ श्री लक्ष्म्यै नमः” का जाप करें