मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के एक आउटसोर्स कर्मचारी ने हाई कोर्ट के जजों के बीच विवाद की स्थिति बना दी है। ग्वालियर बेंच के जस्टिस राजेश कुमार गुप्ता ने शिवपुरी के अपर सत्र न्यायाधीश विवेक शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है और जबलपुर के जस्टिस अतुल श्रीधर जस्टिस गुप्ता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करने के लिए सरकार को निर्देश दिया है।
मामला क्या है: रूप सिंह परिहार द्वारा किया गया 5 करोड़ का जमीन अधिग्रहण घोटाला
रूप सिंह परिहार की भर्ती आउटसोर्स कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर 2023 में हुई थी। किसानों को जमीन अधिग्रहण के बदले में मुआवजा दिया जाना था लेकिन कंप्यूटर ऑपरेटर ने किसानों के बदले अपने खाते में मुआवजा की राशि ट्रांसफर कर ली। जांच में पाया गया कि उसने स्वयं के खाते में, अपनी पत्नी रचना के खाते में और अपने रिश्तेदारों के बैंक अकाउंट में किसानों के मुआवजा की राशि ट्रांसफर कर ली थी। जांच के बाद 2024 में मामला दर्ज किया गया और जुलाई 2024 में रूप सिंह परिहार को गिरफ्तार कर लिया गया। रूप सिंह के वकील का कहना है कि उसको फंसाया गया है।
ग्वालियर हाईकोर्ट ने जमानत याचिका पर कठोर टिप्पणी की
सच क्या है यह तो बाद में सामने आएगा लेकिन प्रेजेंट पोजिशन यह है कि रूप सिंह परिहार का मामला शिवपुरी जिले के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्री विवेक शर्मा के समक्ष प्रस्तुत हुआ। जहां पर आरोप तय किए गए। रूप सिंह परिहार को शिवपुरी जिला न्यायालय से जमानत नहीं मिली। इसलिए उसने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच में जमानत के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। हाईकोर्ट में जस्टिस राजेश कुमार गुप्ता के समक्ष मामला प्रस्तुत हुआ। उन्होंने जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि, शिवपुरी के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश विवेक शर्मा ने इस मामले में गंभीर धाराएं हटाकर केवल आईपीसी की धारा 406 में आरोप तय किए, ताकि आरोपी को जमानत मिल सके। जबकि केस में धारा 409, 420, 467, 468, 471 और 120-बी जैसी धाराएं लागू होती हैं, जिनमें 10 साल तक की सजा है।
सिर्फ इतना ही नहीं, जस्टिस राजेश कुमार गुप्ता ने आदेश की कॉपी प्रिंसिपल रजिस्ट्रार (विजिलेंस) को भेजते हुए कहा कि इसे चीफ जस्टिस के सामने रखा जाए, ताकि शिवपुरी में पदस्थ प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश विवेक शर्मा के खिलाफ जांच और अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सके।
जबलपुर हाईकोर्ट में ग्वालियर हाई कोर्ट के जज के खिलाफ SUO MOTO
हाई कोर्ट की ग्वालियर ब्रांच में जस्टिस गुप्ता ने 12 सितंबर को शिवपुरी कोर्ट के जज विवेक शर्मा के खिलाफ कार्रवाई के लिए सिफारिश की थी। 23 सितंबर को जबलपुर स्थित हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश के जस्टिस अतुल श्रीधरन ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए जस्टिस राजेश कुमार गुप्ता के खिलाफ टिप्पणी करते हुए कहा कि निचली अदालतों के न्यायाधीशों के विरुद्ध इस तरह की टिप्पणी करना न्यायिक मर्यादा के खिलाफ है और जस्टिस गुप्ता द्वारा जारी किया गया आदेश उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर है। जस्टिस श्रीधरन ने सरकार को निर्देशित किया है कि वह जस्टिस गुप्ता के आदेश के खिलाफ 10 दिन के भीतर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करें।