किसी भी serious crime के आरोप में Police आरोपी को arrested करती है और 24 घंटे के भीतर Court के समक्ष प्रस्तुत करती है, लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि Police किसी को पकड़ कर ले जाती है और Court में पेश नहीं करती। ऐसी स्थिति में victim पक्ष क्या action कर सकता है, पढ़िए:-
बन्दी-प्रत्यक्षीकरण रिट (Writ of habeas corpus):-
habeas corpus का अर्थ होता है निरूद्ध (prohibited) या arrest व्यक्ति को Court के समक्ष प्रस्तुत करवाना। जब किसी व्यक्ति को Illegal रूप से arrest किया जाता है तब ऐसे व्यक्ति की Freedom इसी writ के माध्यम से सुरक्षित की जाती है। यह writ किसी भी Police officer, जेल अधिकारी या कोई भी Private व्यक्ति के लिए निकली जा सकती है जिसने व्यक्ति को prisoner बनाकर रखा हुआ है। अगर कोई व्यक्ति या Officer इस writ की Permission का Violation करता है तो Court की contempt का punishment दिया जाएगा।
The Court by this writ:-
1. arrest करने वाले व्यक्ति से गिरफ्तारी का कारण पूछेगा।
2. arrest व्यक्ति को Court के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश देगा।
उपर्युक्त विषय पर ही habeas corpus पर Writ Petition जनहित वाद में Present की जा सकती हैं।
ये रिट याचिका कब दायर नहीं कि जा सकती है
When this writ petition cannot be filed:-
1. जब कोई व्यक्ति उस High Court की अधिकारिता के भीतर निरूद्ध नहीं है तब।
2. कोई arrest व्यक्ति किसी Crime के लिए दोषी ठहराया गया हो तब, अर्थात Crime सिद्ध होने के बाद उसे by holding captive रख सकते हैं।
3.किसी court of record अथवा Parliament द्वारा अवमानना (contempt) के लिए या कार्यवाही में हस्तक्षेप करने पर।
【Habeas Corpus writ is more detailed but our aim is to give you more information in less words and in simple language】
✍️लेखक: बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार, होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।