मध्य प्रदेश के लोकायुक्त के नाम एक शिकायत में बताया गया है कि, एक व्यक्ति जो गुना जिले में, प्राइवेट स्कूल में, लाइब्रेरियन की नौकरी करता है। दतिया जिले में एक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल और नर्सिंग कॉलेज का मालिक है। लोकायुक्त को जांच करना है कि यदि वह दतिया में इतने बड़े अस्पताल और कॉलेज का मालिक है तो फिर गुना के प्राइवेट स्कूल में नौकरी क्यों करता है?
एक IAS अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध
शिकायत में बताया गया है कि, दतिया जिले में एक बहुत बड़ा प्राइवेट सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और नर्सिंग कॉलेज संचालित किया जा रहा है। शिकायत में दावा किया गया है कि, यह अस्पताल और नर्सिंग कॉलेज स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी द्वारा भ्रष्टाचार पूर्वक की गई कमाई से प्रारंभ किया गया है। सभी अधिकारी-कर्मचारी अभी भी अपने-अपने सरकारी पदों पर काम कर रहे हैं और जमकर काली कमाई कर रहे हैं। दतिया जिले के सीएमएचओ ने इस मामले की जांच तो शुरू की थी परंतु पूरी नहीं की। यहां तक की उन्होंने अपनी जांच में कॉलेज के रजिस्टर्ड ओनर को ना तो तलब किया और ना ही हॉस्पिटल या कॉलेज में जाकर रजिस्टर्ड ओनर, हॉस्पिटल या कॉलेज का फिजिकल वेरिफिकेशन किया। इस मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध है।
शिकायत में बताया गया है कि, जिस व्यक्ति को इस कॉलेज और हॉस्पिटल का मालिक बताया जा रहा है वह गुना जिले में प्राइवेट स्कूल में लाइब्रेरियन के पद पर नौकरी करता है और उसकी पत्नी गुना जिले में सरकारी स्कूल में शिक्षक है। यह जांच का विषय है कि, जब इनके पास दतिया में इतना बड़ा अस्पताल और प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज है तो फिर गुना में नौकरी क्यों कर रहे हैं। अपने खुद के नर्सिंग कॉलेज में लाइब्रेरियन के पद पर किसी दूसरे को नियुक्त क्यों कर रखा है।
अब देखना यह है कि लोकायुक्त मध्य प्रदेश इस मामले में क्या जांच करते हैं। शिकायत करने वाले ने ग्वालियर के आरटीआई एक्टिविस्ट श्री आशीष चतुर्वेदी पर विश्वास जताया है और उन्हें इस केस की पूरी फाइल भेजी है। तो यह भी देखना होगा कि, आशीष चतुर्वेदी इस मामले में क्या इन्वेस्टिगेशन करते हैं।
यह भी देखना है कि क्या प्राधिकृत अधिकारियों में से कोई जांच करके यह बता सकता है कि अस्पताल और कॉलेज अपने अस्तित्व में संचालित हो रहे हैं या फिर फर्जी है और सिर्फ सीबीआई जांच के लिए एक प्रॉपर्टी किराए पर लेकर मुन्ना भाई का चैरिटी हॉस्पिटल का सीन क्रिएट किया गया था? रिपोर्ट: देवेंद्र श्रीवास्तव, ग्वालियर।
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