भारत सरकार ने अपने कर्मचारियों को पेंशन स्कीम स्विच करने का लास्ट चांस दिया है। यदि कोई कर्मचारी यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) से नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में स्विच करना चाहता है तो कर सकता है, लेकिन स्विच करने वाले प्रत्येक कर्मचारी को ध्यान रखना होगा कि उसके पास वापस यूनिफाइड पेंशन स्कीम में लौटने का मौका नहीं होगा।
केंद्रीय कर्मचारियों को बाय डिफ़ॉल्ट कौन सी पेंशन स्कीम मिलती है?
भारत सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि, केंद्रीय कर्मचारी एवं पेंशनर्स इस विकल्प का इस्तेमाल 30 सितंबर 2025 तक कर सकते हैं। तय समय सीमा के बाद यदि कोई कर्मचारी कदम नहीं उठाता है, तो उसे डिफॉल्ट रूप से UPS के अंतर्गत ही माना जाएगा। बता दें कि यह कदम उन कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है जो तय लाभ वाली UPS योजना से हटकर बाजार-आधारित NPS में जाना चाहते हैं। UPS निश्चित पेंशन, DA से जुड़ा महंगाई समायोजन, ग्रेच्युइटी और पारिवारिक पेंशन जैसे लाभ देता है, जबकि NPS कर्मचारियों को अधिक रिटर्न और निवेश में लचीलापन प्रदान करता है, लेकिन इसमें बाजार जोखिम भी शामिल रहता है।
UPS - यूनिफाइड पेंशन स्कीम की खास बातें
- UPS एक डिफाइंड बेनिफिट प्लान है।
- पेंशन की गारंटी और DA से जुड़ा महंगाई भत्ता मिलता है।
- UPS में कर्मचारी को बेसिक वेतन + DA का 10% योगदान करना होता है।
- UPS में नियोक्ता (सरकारी संस्थान) 18.5% योगदान करता है।
- UPS में पारिवारिक पेंशन और ग्रेच्युइटी उपलब्ध हैं।
NPS - नेशनल पेंशन स्कीम की खास बातें
- NPS एक डिफाइंड कंट्रिब्यूशन प्लान है।
- कर्मचारी 10% लेकिन नियोक्ता 14% निवेश करते हैं।
- दोनों को मिलाकर 24% शेयर मार्केट में निवेश कर दिया जाता है।
- इस योजना के तहत सारा रिटर्न शेयर मार्केट पर निर्भर करता है।
- नेशनल पेंशन स्कीम एक प्रकार का सरकारी म्यूचुअल फंड है।
आपको दोनों में से कौन सी स्कीम अच्छी लगती है और क्या आपके पास सरकार के लिए कोई अन्य सुझाव भी है, तो कृपया इस समाचार की लिंक के साथ सोशल मीडिया पर शेयर कीजिए।