Medicaps University की बस ने एक छात्रा और एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को मार डाला

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सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के तमाम आदेशों के बावजूद हेलमेट के मामले में चुस्त दुरुस्त पुलिस, स्कूल कॉलेज के मामले में गांधारी हो जाती है। आज इंदौर में शहर के अंतिम चौराहे पर अंधी रफ्तार से दौड़ रही कॉलेज की बस ने दो लड़कियों, एक युवक, एक ऑटो रिक्शा और एक कर को टक्कर मार दी। इस एक्सीडेंट में सॉफ्टवेयर इंजीनियर युवक और कॉलेज में पढ़ने वाली एक लड़की की मौत हो गई। ऑटो ड्राइवर और दूसरी छात्रा गंभीर रूप से घायल है। उनको अस्पताल में एडमिट किया गया है। 

INDORE NEWS: कॉलेज बस में जो सामने आया उसे टक्कर मार दी

मल्हारगंज पुलिस के मुताबिक- सॉफ्टवेयर इंजीनियर एकांश पांड्या (उम्र 33 वर्ष) अपनी बीमार मां के लिए दवाई लेने बाइक से जा रहे थे, तभी कॉलेज बस ने उन्हें टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि एकांश की मौके पर ही मौत हो गई। बस ने आगे बढ़ते हुए घर जा रही दो छात्राओं को भी अपनी चपेट में ले लिया। इनमें से एक 12वीं क्लास की छात्रा की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरी गंभीर रूप से घायल है। इसके बाद बस ने एक ऑटो रिक्शा और एक कार को भी टक्कर मारी। हादसे में ऑटो ड्राइवर भी गंभीर रूप से घायल हो गया है। हादसे में छात्रा मानसी श्रीवास (16) पिता अजय, निवासी हुकुमचंद कॉलोनी की मौत हो हुई है। मानसी क्लॉथ मार्केट स्कूल में पढ़ाई कर रही थी। पिता अकाउंटेंट है। 

बस पर मेडीकेप्स यूनिवर्सिटी लिखा है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, घटना के वक्त बस की रफ्तार काफी तेज थी। हादसे के बाद लोगों ने बस को मौके पर रोक लिया और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने बस को जब्त कर लिया है, लेकिन समाचार के लिखे जाने तक पुलिस ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि, बस का मालिक कौन है, यहां तक की पुलिस ने बस का नंबर भी नहीं बताया है। पब्लिक ने बस के ड्राइवर को पकड़ लिया था परंतु पुलिस ने ड्राइवर की गिरफ्तारी अभी तक कंफर्म नहीं की है। 

एडिशनल डीसीपी आलोक शर्मा ने बताया कि बस चालक नशे में था या नहीं, इस संबंध में विवेचना कर रहे हैं। आसपास के लोगों के बयान लिए जा रहे हैं। बस की फिटनेस की जांच की जाएगी।

कितनी अजीब बात है। कोई व्यक्ति नशे में है या नहीं इसके लिए मेडिकल करवाना होता है। लेकिन इंदौर पुलिस विवेचना कर रही है। आसपास के लोगों के बयान लेंगे। बस की फिटनेस की जांच करना 5 मिनट का काम है। RTO का पूरा डाटा ऑनलाइन है परंतु इंदौर पुलिस मामले को टालने और यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट को इस एक्सीडेंट की जिम्मेदारी से बचने का प्रयास कर रही है।

बात सिर्फ इंदौर पुलिस की नहीं है कुछ प्रतिष्ठित पत्रकार भी ऐसा ही प्रयास कर रहे हैं। इंदौर के एक बड़े अखबार की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है कि "लोगों ने बताया ड्राइवर को हार्ट अटैक आ गया था"। जो बात डॉक्टर को बतानी चाहिए वह लोग बता रहे हैं, और पत्रकार महोदय डॉक्टर से कंफर्म किए बिना खबर छाप रहे हैं। ताकि लोगों को मिस गाइड किया जा सके। इस एक्सीडेंट को एक्ट आफ गॉड बताया जा सके।

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