Mahanaaryaman Scindia का पॉलिटिकल डेब्यू, लेकिन पिता से चुनौती मिलेगी

Bhopal Samachar
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केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सुपुत्र श्री महानारयमन सिंधिया की आज सक्रिय राजनीति में आधिकारिक शुरुआत हो गई है। उन्होंने मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है और उनके सामने कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। उनका निर्विरोध अध्यक्ष बनना तय है। बस एक औपचारिक घोषणा शेष रह गई है। यहां उल्लेख करना उचित होगा कि, श्री महानारयमन सिंधिया के दादा श्री माधवराव सिंधिया एवं पिता श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी MPCA प्रेसिडेंट रह चुके हैं। 

महानारयमन सिंधिया 32 साल की उम्र में पहला चुनाव लड़ेंगे

नई कार्यकारिणी का चुनाव 2 सितंबर को होना है। 30 अगस्त तक नामांकन की अंतिम तिथि थी। नई कार्यकारिणी मंगलवार को एमपीसीए की एजीएम में तीन साल के लिए चुन ली जाएगी। इसमें शामिल होने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया और महानआर्यमन 1 सितंबर को इंदौर पहुंच जाएंगे। इसी के साथ कहा जा सकता है कि, 29 साल के श्री महानारयमन सिंधिया जल्द ही राजनीति में कदम रखने वाले हैं। इसके पीछे दो वजहों पर जोर दिया जा रहा है। पहली ये कि माधवराव सिंधिया, फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने क्रिकेट एसोसिएशन के जरिए ही राजनीति में कदम रखा था। और दूसरी यह की शिवपुरी विधानसभा सीट से यशोधरा राजे सिंधिया फॉलन आउट हो चुकी है। श्री महानारयमन वर्तमान में ग्वालियर क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष है और एमपीसीए के सदस्य है।

नेपोटिज्म नहीं! काफी होमवर्क कर चुके हैं

श्री महानारयमन सिंधिया कि इस पोस्टिंग को 100% नेपोटिज्म नहीं कहा जा सकता क्योंकि पॉलिटिक्स के लिए MAJ SCINDIA काफी होमवर्क कर चुके हैं। उनके काफी टेस्ट भी हो चुके हैं। जब जब टेस्ट कम नंबर आए तब तक उनको ग्राउंड जीरो पर जाकर दोगुना काम करना पड़ा। क्योंकि श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बिल्कुल नहीं चाहते कि जब उनका बेटा जनता से पहली बार चुनाव के लिए जनसंपर्क करें तो उसके प्रदर्शन और कॉन्फिडेंस में कोई भी कमी रह जाए।

पुत्र को पिता से चुनौती मिलेगी

हालांकि उनकी पॉलिटिक्स के लिए सबसे बड़े चैलेंज उनके अपने पिता होंगे। उनकी तुलना हमेशा उनके पिता से की जाएगी और कम से कम आज की तारीख में दोनों के बीच में काफी बड़ा अंतर है। यह अंतर इस चित्र में स्पष्ट दिखाई देता है। अर्थात उनको अपने पिता से आगे निकलने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है। उनके पिता को अवसर नहीं मिला था लेकिन उनको मिला है। यदि वह फाइनल एग्जाम में पास हो गए और राजनीति में अपने पिता से सिर्फ एक कदम आगे भी बढ़ गए, तो यकीन मानिए मध्य प्रदेश में एक नया रिकॉर्ड बनेगा। पहली बार सिंधिया परिवार से कोई मुख्यमंत्री बनेगा। ✒ उपदेश अवस्थी
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