मध्य प्रदेश के विभिन्न सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों के कम से कम 20% पद रिक्त पड़े हुए हैं। इधर त्रैमासिक परीक्षा के लिए सिर्फ 15 दिन बचे हैं लेकिन अतिथि शिक्षकों की भर्ती पूरी नहीं की गई है। ट्राइबल डिपार्टमेंट की स्थिति तो और भी ज्यादा खराब है। ना तो कोई सिस्टम है और ना ही कोई उत्तरदायित्व।
कई स्कूलों में ना तो शिक्षक है ना ही अतिथि शिक्षक
मध्य प्रदेश में नवीन शिक्षा सत्र को प्रारंभ हुई 2 महीने से अधिक समय बीत चुका है। शिक्षकों के तबादले हो चुके हैं। तबादलों में जो समायोजन होने थे, वह भी हो चुके हैं। इसके कारण स्कूलों में कई नवीन पद रिक्त हो गए हैं। शिक्षकों की कमी का असर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। कई स्कूल ऐसे हैं जहां पर किसी सब्जेक्ट का ना तो कोई शिक्षक है और ना ही अतिथि शिक्षक। यानी ऐसा कोई एक व्यक्ति भी नहीं है जो एक्स्ट्रा क्लास लेकर पढ़ाई करवा सकता है। बस खाना पूर्ति हो रही है।
लोक शिक्षण संचालनालय ने अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सेकंड राउंड की घोषणा की है। आमंत्रण की प्रक्रिया को 14 अगस्त तक का समय दिया गया है लेकिन तिरंगा यात्रा और स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम की तैयारी के नाम पर कई स्कूलों में अतिथि शिक्षकों को आमंत्रित नहीं किया गया। प्राचार्य ने जानबूझकर अभी भी पद रिक्त छोड़ दिए हैं, ताकि अंतिम समय में किसी को लाभान्वित किया जा सके।