मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड के किसी भी ऑफिस में चले जाइए। रिश्वत के बिना नामांतरण नहीं होता। आज जबलपुर में लोकायुक्त की टीम ने हाउसिंग बोर्ड के ऑफिस में छापामार कार्रवाई करते हुए अमन कोष्ठा नाम के कर्मचारी को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। हालांकि इस तरह की रिश्वत में संपत्ति अधिकारी का भी हिस्सा होता है परंतु समाचार के लिखे जाने तक लोकायुक्त ने संपत्ति अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया था।
विधि के अनुसार नामांतरण के बदले ₹50000 की रिश्वत मांगी थी
लोकायुक्त टीम की ओर से बताया गया कि, महाराजपुर निवासी हाकम साहू ने कुछ माह पहले हाउसिंग कॉलोनी में एक मकान खरीदा था, जिसके लिखा-पढ़ी के कागजात और शपथ पत्र लेकर उन्होंने हाउसिंग बोर्ड कार्यालय में जमा किए। करीब एक माह से हाकम साहू मकान के नामांतरण के लिए कार्यालय के चक्कर काट रहे थे, पर उनका काम नहीं हो रहा था। पता चला कि मकान की फाइल बाबू अमन कोष्ठा के पास अटकी हुई है। हाकम साहू लगातार उनके चक्कर काट रहे थे, पर हर बार कोई न कोई बहाना बनाया जा रहा था। अमन ने हाकम से डिमांड की थी कि 50 हजार रुपए देने पर तुम्हारा काम हो जाएगा। इस पर उन्होंने पैसे ज्यादा होने की बात कही, बाद में सौदा 10 हजार रुपए में तय हुआ।
जबलपुर में हाउसिंग बोर्ड का कर्मचारी अमन कोष्ठा गिरफ्तार
बाबू अमन कोष्ठा के खिलाफ रिश्वत की शिकायत जबलपुर लोकायुक्त एसपी से की गई। जिसके बाद उसका सत्यापन करवाया गया और शिकायत सही पाई गई। शुक्रवार दोपहर लोकायुक्त पुलिस ने धनवंतरी नगर स्थित कार्यालय में छापा मारते हुए 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए उसे रंगे हाथ पकड़ा। लोकायुक्त डीएसपी नीतू त्रिपाठी का कहना है कि शिकायतकर्ता ने जब से मकान लिया है, तब से उसे अमन कोष्ठा द्वारा नामांतरण के लिए परेशान किया जा रहा था, जिसकी शिकायत उसने कार्यालय में आकर एसपी से की थी।
रिश्वत के रुपए लेते बाबू रंगे हाथों गिरफ्तार
शुक्रवार को जब लोकायुक्त पुलिस हाउसिंग बोर्ड कार्यालय पहुंची। उस दौरान बाबू अमन कोष्ठा काम कर रहा था। शिकायतकर्ता ने बताया कि आज सुबह फोन लगाकर बाबू अमन कोष्ठा ने बुलाया था और जैसे ही रिश्वत के रुपए लिए, वैसे ही लोकायुक्त ने उसे पकड़ लिया।