CITI CARE HOSPITAL BHOPAL में इंजेक्शन के बाद युवक की मौत, चक्का जाम

0
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में संचालित सिटी केयर प्राइवेट हॉस्पिटल में इंजेक्शन लगाए जाने के बाद 31 साल के युवक की मृत्यु हो गई। इस बात से आकर्षित युवक के परिजनों ने चक्का जाम कर दिया। हंगामा होते ही अस्पताल का स्टाफ मौके से गायब हो गया। रिपोर्टिंग के समय अस्पताल में करीब 20 मरीज और उनके परिजन मौजूद थे, वहीं बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। अस्पताल के संचालक, कोई भी डॉक्टर अथवा पैरामेडिकल स्टाफ नहीं था। 

डॉक्टर की मर्जी के बिना डिस्चार्ज मांगा तो इंजेक्शन लगा दिया

मृतक के जीजा मुकेश साहू के अनुसार, रोड एक्सीडेंट में, पैर में चोट लगने के कारण 31 वर्षीय राहुल साहू को सिटी केयर हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। रविवार सुबह तक राहुल बिल्कुल ठीक था। उसने फोन पर बताया कि दो दिन से कोई डॉक्टर नहीं आया है, दर्द बहुत है, दूसरे अस्पताल ले चलो। हमने डिस्चार्ज की बात कही तो स्टाफ ने एक इंजेक्शन लगा दिया। इसके बाद राहुल के मुंह से खून आया, झटके लगे और वह बेहोश हो गया। शुक्रवार से भर्ती राहुल की देखरेख सिर्फ पहले दिन एक जूनियर डॉक्टर ने की थी, उसके बाद कोई डॉक्टर नहीं आया। यहां सिर्फ नर्सें इलाज कर रही थीं।

पिता बोले- रात तक नॉर्मल था बेटा

पिता प्रकाश साहू ने बताया, शनिवार रात 10:30 बजे आखिरी बार राहुल से बात हुई थी। उसने कहा था, पापा आप घर जाइए, सुबह आना। उसके साथ छोटा भाई रुका था। पैर में हल्की चोट थी, कल रात तक बिल्कुल सामान्य था। सुबह आया तो देखा कि स्टाफ उसे सीपीआर दे रहा था, लेकिन बचाया नहीं जा सका।

दो साल पहले हुई शादी, एक साल की बेटी है

मुकेश साहू के अनुसार, राहुल बीएचईएल में 15 हजार रुपए प्रतिमाह की नौकरी करता था। गुरुवार रात हमीदिया अस्पताल में भर्ती अपने मामा से मिलने जाते समय भारत टॉकीज के पास ओवरटेक करते हुए सामने से आ रही बाइक से उसकी टक्कर हो गई, जिससे पैर में चोट आई। शुक्रवार को कई अस्पतालों में भटकने के बाद उसे सिटी केयर में भर्ती किया गया था। राहुल की शादी ढाई साल पहले हुई थी और उसकी एक साल की बेटी है।

डॉक्टर सहित अस्पताल का पूरा स्टाफ गायब

हमीदिया अस्पताल से तीन मोहरे जाने वाले रास्ते पर परिजन ने जाम लगा दिया। स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस बल तैनात कर दिया गया। अस्पताल में स्टाफ के नाम पर सिर्फ एक गार्ड मौजूद है। परिजन अस्पताल में घूम-घूमकर वीडियो बना रहे हैं। एक वीडियो में परिजन आयुष्मान योजना के मरीजों की फाइलें दिखाते हुए कहते हैं कि जांच हुई तो अस्पताल का पूरा खेल सामने आ जाएगा।

CMHO ने मान्यता कैसे दे दी

मुकेश साहू ने आरोप लगाया कि अस्पताल में फायर सेफ्टी या इमरजेंसी एक्जिट नहीं है। एक ही बिल्डिंग में तीन-तीन अस्पताल चल रहे हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग ने इन्हें मान्यता कैसे दी? आयुष्मान योजना शुरू होने के बाद से ऐसे अस्पतालों में सिर्फ नाम के इलाज के बजाय योजनागत धन की लूट चल रही है।

पूरा अस्पताल प्रदर्शनकारियों के कब्जे में

हंगामा देख एक मरीज बीच इलाज में ही अस्पताल से खुद घर लौट गया। उसके पैर में फ्रैक्चर बांधा था। उसने कहा कि आयुष्मान से मेरा इलाज चल रहा था। दो दिन से अस्पताल में लेटा हूं, बस प्लास्टर बांधा गया है। इसके अलावा अब तक और कोई इलाज नहीं किया गया। राहुल की मौत की खबर सुनने के बाद हम यहां कैसे रुक सकते हैं। इसलिए हम खुद से ही घर जा रहे हैं। यहां रोड से लेकर आईसीयू तक में मृतक राहुल के परिजन मौजूद हैं। अस्पताल का पूरा स्टाफ गायब है।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289
Tags

Post a Comment

0 Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!