CAG Report जब भी आती है सरकारों की नींद उड़ जाती है। क्योंकि भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की ऑडिट रिपोर्ट में ऐसे ऐसे घोटाले का खुलासा होता है, जिसकी लोगों ने कल्पना तक नहीं की होती है परंतु आज जो कैग रिपोर्ट आई है, उसने मध्य प्रदेश में उत्सव के लिए प्रसंग उपस्थित कर दिया है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार जनहित के कामों में मध्य प्रदेश, भारत का तीसरा सबसे अच्छा राज्य बन गया है। जनता के हित के कामों में सबसे ज्यादा पैसा खर्च करने वाले राज्यों में नंबर वन पर गुजरात और दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है।
सबसे पहले सरकारी रिपोर्ट पढ़िए फिर हम आपको सरल हिंदी में इसका अर्थ बताएंगे
सीएजी के आंकडों के अनुसार देश के 16 राज्यों ने पिछले वर्ष की तुलना में पूंजीगत व्यय में वृद्धि दर्ज की है। गुजरात की 65 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश की 42 प्रतिशत और मध्यप्रदेश की उपलब्धि 41 प्रतिशत है। केन्द्र और राज्यों ने मिलकर वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में पूंजीगत व्यय को तेज़ी से बढ़ाया है। केंद्र सरकार के अप्रैल से जून 2025 के बीच के अंतरिम पूंजीगत व्यय के आंकड़े 52 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्शाते हैं, जो ₹2,75,132 करोड़ तक पहुंच गया है। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित ₹11.2 लाख करोड़ के पूंजीगत व्यय का 25 प्रतिशत खर्च पहले ही कर दिया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में केवल 16 प्रतिशत खर्च हुआ था। सीएजी डेटा के अनुसार जिन 23 राज्यों के आंकड़े उपलब्ध हैं, उन्होंने पहली तिमाही में ₹99,478 करोड़ का कुल पूंजीगत व्यय किया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह ₹81,494 करोड़ था। इसमें 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
अब सरल हिंदी में मतलब समझिए
पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) वह खर्च है जो सरकार दीर्घकालिक परिसंपत्तियों (जैसे सड़क, पुल, स्कूल, अस्पताल, मशीनरी आदि) के निर्माण, खरीद या उन्नयन पर करता है। यह खर्च भविष्य में आर्थिक विकास और उत्पादकता बढ़ाने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, मध्यप्रदेश में सड़कों, बांधों या बिजली संयंत्रों के निर्माण पर किया गया खर्च पूंजीगत व्यय है। यह राजस्व व्यय (जैसे वेतन, रखरखाव), अथवा योजनाओं पर किए जाने वाले व्यय (जैसे लाडली बहना योजना) से अलग होता है, जो नियमित और अल्पकालिक जरूरतों के लिए होता है। पूंजीगत व्यय से अर्थव्यवस्था में बुनियादी ढांचे का विकास होता है, जिससे लंबे समय तक लाभ मिलता है।
CAG Report के अनुसार 1 अप्रैल 2025 से लेकर 30 जून 2025 तक मध्य प्रदेश की सरकार ने पक्के कामों पर भरपूर पैसा खर्च किया है। इसके कारण मध्य प्रदेश 41% के साथ तीसरे नंबर पर आ गया है। 42% के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर है। यानी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच में कोई विशेष अंतर नहीं रह गया है। अभी तो पारी शुरू हुई है। दूसरी तिमाही 1 जुलाई से शुरू हो गई है जो 30 सितंबर 2025 को खत्म होगी और उसके बाद मध्य प्रदेश सरकार के पास सेकंड पोजीशन पर पहुंचने के लिए 6 महीने का समय है।