भारत और रूस के बीच में मित्रता केवल राजनीतिक या दो देशों के बीच में सौदेबाजी वाले संबंध नहीं है बल्कि दोनों देशों की आम जनता एक दूसरे पर भरोसा करती है। यह एक ऐसा विश्वास है जिसे कभी किसी परीक्षा से गुजरने की जरूरत नहीं पड़ी और जो हमेशा हर परीक्षा में खरा साबित हुआ है। अमेरिका द्वारा भारत के कुछ प्रोडक्ट्स पर 50% टैरिफ लगा दिए जाने के बाद रूसी समाचार एजेंसी 'ताश' ने रूस के विशेषज्ञों से इस बारे में बातचीत की। उनका प्रश्न था कि "क्या अमेरिका, भारत पर दबाव बनाकर उसे रूस से दूर कर सकता है? चलिए पढ़ते हैं कि रूस के विशेषज्ञों ने इस बारे में क्या कहा।
अंतरराष्ट्रीय मामलों में भारत किसी के दबाव में नहीं आता: रूसी मीडिया
अमेरिका द्वारा भारत पर रूस से मजबूत संबंध के कारण 50% टैरिफ लगा दिए जाने के बाद रूस की मीडिया में भारत को लेकर लगातार खबरों का सिलसिला चल रहा है। रूसी समाचार एजेंसी 'ताश' ने इस विषय पर, रूस के प्रतिभाशाली और विशेषज्ञ लोगों से बातचीत की। उनका सिर्फ एक प्रश्न था, क्या अमेरिका, भारत पर दबाव बनाकर उसे रूस से दूर कर सकता है? इस प्रश्न का सबसे सटीक जवाब रूसी मीडिया समूह 'रोशिया सेगोद्रेया' के महानिदेशक दिमित्री केसेलेव ने दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि "भारत-रूस की दोस्ती दोनों देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और भारत किसी के दबाव में नहीं आता।
अमेरिका, भारत से चाहता क्या है
रूसी सिक्योरिटी काउंसिल के एक सदस्य, एंड्र्यू सोशसोव का कहना है कि, अमेरिका भारत को चीन के खिलाफ एक रणनीतिक साझेदार के रूप में देखता है, लेकिन उसकी यह रणनीति सफल नहीं होगी।" रूसी सिक्योरिटी काउंसिल के सदस्य के बयान का तात्पर्य है कि, अमेरिका चाहता है कि जिस प्रकार अरब कंट्रीज के मामले में पाकिस्तान उसका रणनीतिक साझेदार है। उसी प्रकार चीन के मामले में भारत, अमेरिका का रणनीतिक साझेदार बन जाए। भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति को खत्म कर दे और अमेरिका की मर्जी के हिसाब से दुनिया के दूसरे देशों के साथ संबंध स्थापित करे। जैसा कि पाकिस्तान कर रहा है। लेकिन रूस के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि, भारत के ऊपर टैरिफ लगाकर, भारत को दबाने की रणनीति सफल नहीं होगी।
रूस की मीडिया में यह समाचार भी प्रकाशित हुए हैं कि, उनके सूत्रों ने उन्हें बताया था कि अमेरिका भारत पर 100% टैरिफ लगाने जा रहा है लेकिन वह इतनी हिम्मत नहीं कर पाया। अभी भी 50% टैरिफ की केवल घोषणा की गई है। यह 27 अगस्त से लागू होंगे और इसके पहले 15 अगस्त को अमेरिका और रूस के राष्ट्रपतियों की मुलाकात होने वाली है।
रूस की मीडिया में प्रकाशित हुए इस समाचार से संकेत मिलता है कि रूस, इस मामले में भी भारत के समर्थन में खड़ा है और अमेरिका के साथ बातचीत के दौरान भारत पर लगाया गया 50% टैरिफ भी चर्चा का विषय होगा।
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